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Maharashtra: एक दिन में उद्धव ठाकरे को लगा दोहरा झटका, 9 में से 3 नगर निगम आ गए सीएम शिंदे के समर्थन में

Maharashtra: इससे पहले गुरुवार को 67 में 66 कॉर्पोरेटर ने शिंदे का समर्थन करने का ऐलान किया था। बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र में मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, मीरा भायंदर, वसई-विरार, पनवेल और भिवंडी निजामपुर जैसी 9 महत्वपूर्ण नगर निगम हैं। इन सभी में शिंदे की मजबूत पकड़ मानी जाती है।

नई दिल्ली। वक्त के साथ-साथ हर किसी की कोई ना कोई आदत हो जाती है। किसी को ज्यादा चाय पीने की आदत हो जाती है, तो किसी को ज्यादा खाने की आदत हो जाती है, तो किसी को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने की आदत हो जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आज आदतों के संदर्भ में क्यों भूमिका रचाई जा रही है। आखिर माजरा क्या है। तो माजरा यह है कि पिछले कुछ दिनों से कुछ ऐसी ही आदत शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हो चुकी है। जी हां….आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें लगातार बुरी खबर सुनने की आदत हो चुकी है। पहले खबर आई कि शिवसेना में उनके खिलाफ विरोधी स्वर उठ रहे हैं। फिर बुरी खबर आई कि महाराष्ट्र की सत्ता उनके साथ से जा चुकी है और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो चुके हैं और अब एक और बुरी खबर उनके लिए आई है कि आहिस्ता-आहिस्ता उनके हाथ से नगर निगम और नगरपालिकाएं भी खिसक रही हैं। दरअसल, कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका में शिवसेना के 55 कॉर्पोरेटरों ने शिंदे का समर्थन करने का ऐलान किया है।

इससे पहले गुरुवार को 67 में 66 कॉर्पोरेटर ने शिंदे का समर्थन करने का ऐलान किया था। बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र में मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, मीरा भायंदर, वसई-विरार, पनवेल और भिवंडी निजामपुर जैसी 9 महत्वपूर्ण नगर निगम हैं। इन सभी में शिंदे की मजबूत पकड़ मानी जाती है। हालांकि, मीडिया में आई खबरों की मानें तो आगामी दिनों में कुछ ऐसी ही निगमों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा सकता है। ध्यान रहे कि इन सभी में कई निगमों का कार्यकाल संपन्न हो चुका है, जिनके लिए जल्द चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। माना जा रहा है कि संभावित नगर निगम चुनाव में भी शिंदे ही विजयी पताका फहराने में सफल रहेंगे। मौजूदा वक्त में निगमों के शासन की डोर प्रशासन के हाथों में है।

फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि आखिर आगामी दिनों में निगम चुनाव में किसका डंका बजता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह शिवसेना प्रमुख उद्धव को बुरी खबर सुनने की आदत-सी हो चुकी है, उससे तो एक बात साफ हो चुकी है कि अब शिवसेना ढहने के कगार पर आ चुकी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे का अगला कदम क्या रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।  तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम