नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheri) हिंसा मामले में आशीष मिश्रा (Ashish Mishra ) की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाते हुए झटका दिया है। 4 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया था। 10 फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले वो करीब चार महीने तक हिरासत में रहा था।
सोमवार को आज सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhipur Kheri Violence Case) मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई है। कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले के तहत अब इसे 1 हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत मिलने के बाद से ही वो (आशीष मिश्रा) इस दिनों जेल से बाहर है। आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) का बेटा है।
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द की और एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। pic.twitter.com/BILVIIU8Tg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 18, 2022
क्या है पूरा मामला
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद आशीष को 15 फरवरी 2022 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। तिकोनिया गांव में हुई इस हिंसा मामले में चार किसानों समेत कुल 8 लोगों की मौत हुई थी। 15 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आशीष मिश्रा के जमानत आदेश में सुधार किया था, जिससे आशीष की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो हुआ था। हाई कोर्ट के पहले के आदेश में कुछ धाराएं लिखने से छूट गईं थीं, इसी कारण आशीष की रिहाई पर तलवार लटकी हुई थी। जबकि उसकी जमानत 10 फरवरी को ही हो गई थी।