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Lal Krishna Advani Health Update In Hindi: बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली के एम्स में भर्ती, यूरोलॉजी विभाग में चल रहा इलाज

Lal Krishna Advani Health Update In Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में डिप्टी पीएम और गृहमंत्री का पद संभालने वाले लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 1927 में हुआ था और वो काफी बुजुर्ग हैं। उनको कुछ समय पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आडवाणी का एम्स में इलाज चल रहा है।

नई दिल्ली। बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की हालत स्थिर है। उनको दिल्ली के एम्स में बुधवार रात करीब 10.30 बजे स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से भर्ती कराया गया था। जानकारी के मुताबिक लालकृष्ण आडवाणी को यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत अभी ठीक बताई जा रही है। यूरोलॉजी में मूत्र संबंधी बीमारियों का इलाज किया जाता है। लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 1927 में हुआ था और वो काफी बुजुर्ग हैं। उनको कुछ समय पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

लालकृष्ण आडवाणी साल 1941 में महज 14 साल की उम्र में आरएसएस में शामिल हुए थे। फिर भारत के विभाजन के वक्त उनका परिवार पाकिस्तान के सिंध से यहां आ गया। साल 1951 में वो भारतीय जनसंघ के सदस्य और संसदीय मामलों के प्रभारी बने। साल 1965 में लालकृष्ण आडवाणी ने कमला आडवाणी से शादी की। उनके बेटे का नाम जयंत और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है। लालकृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे। एक दौर में फिल्म संबंधी पत्रकारिता करने वाले लालकृष्ण आडवाणी 1970 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। साल 1980 में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बीजेपी बनाई। इसके बाद सियासत में आडवाणी की पहचान तब बननी शुरू हुई, जब वो 1989 में पहली बार लोकसभा सांसद बने। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर लालकृष्ण आडवाणी 10 बार सांसद रहे।

1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने रामरथ यात्रा निकालकर अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन को गर्मा दिया था। वो 1998 से 2004 तक देश के गृहमंत्री रहे। 2002 में अटल बिहारी सरकार में गृहमंत्री के अलावा उनको डिप्टी पीएम का ओहदा भी मिला था। लालकृष्ण आडवाणी को उस वक्त लौह पुरुष कहा जाता था। बाबरी मस्जिद ढहने के मामले में उनके खिलाफ केस भी चला। 2004 में उनको बीजेपी ने भावी पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका और लालकृष्ण आडवाणी का पीएम बनने का सपना अधूरा ही रह गया।