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Video : शिक्षा विभाग मुख्यालय के बाहर 5 टीचर्स ने नौकरी से जुड़ी मांगों को लेकर खाया जहर, भाजपा ने बोला जोरदार हमला

West Bengal : भाजपा नेता और प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “इससे पता चलता है कि सरकार गैलरी से खेल रही है। शिक्षकों के लिए कोई सम्मान नहीं है, रोजगार नहीं है और मानवता भी नहीं है। सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है।”

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के एक प्राथमिक विद्यालय शिशु शिक्षा केंद्र के पांच संविदा शिक्षिकाओं ने मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना में अपने घरों से दूर विकास भवन स्थित राज्य के शिक्षा विभाग के सामने अपने तबादले के विरोध में आत्महत्या करने की कोशिश की। इन शिक्षिकाओं को एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना विकास भवन के सामने उस समय हुई, जब स्कूल की कुछ संविदा शिक्षिकाएं शिक्षक ओक्या मंच (शिक्षक एकता मंच) के बैनर तले अपने घरों से लगभग 600 से 700 किमी दूर दूर-दराज के क्षेत्रों में उनके कथित स्थानांतरण के खिलाफ आंदोलन कर रही थीं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित शिक्षकों को तितर-बितर करने का प्रयास किया तो पांच महिला शिक्षिकाओं ने जहर की बोतल निकालकर पी लिया। इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि, जहर खाने वालों में तीन तो मौके पर ही बेहोश हो गईं। उन्हें तुरंत बिधाननगर उप-मंडल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर दो को एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि अन्य को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया।

Mamta Banerjee

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु मौके पर पहुंचे, लेकिन वह टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। संविदा शिक्षक, जो सरकारी पे-रोल में नहीं हैं, लेकिन 10,000 रुपये से 15,000 रुपये प्रति माह के बीच तदर्थ वेतन दिया जाता है, स्थायी नौकरी और वेतन में वृद्धि सहित विभिन्न मुद्दों पर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। एक आंदोलनकारी शिक्षक ने कहा, “हम संविदा शिक्षक हैं। नई शिक्षा नीति प्रभावी हुई तो हमें रोजगार नहीं मिलेगा। हम लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमारी मांगें सुनें, लेकिन वह कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है।”

इस मामले को लेकर विचलित कर देने वाला वीडियो सामने आया है

एक अन्य शिक्षक ने कहा, “हाल ही में हमने विरोध प्रदर्शन किया था और उसके बाद शिक्षकों का तबादला कर दिया गया था। यह सरकार के प्रतिशोधात्मक रवैये को दर्शाता है।” मंगलवार को आत्महत्या का प्रयास करने वाले पांच शिक्षकों सहित कुल 16 लोगों को कथित तौर पर राज्य सचिवालय, नबन्ना के सामने विरोध प्रदर्शन के बाद उत्तर बंगाल स्थानांतरित कर दिया गया है। इस घटना से राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है।

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भाजपा का जवाबी हमला

भाजपा नेता और प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “इससे पता चलता है कि सरकार गैलरी से खेल रही है। शिक्षकों के लिए कोई सम्मान नहीं है, रोजगार नहीं है और मानवता भी नहीं है। सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है।” माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, “कुछ शिक्षकों ने कुछ मांगें उठाई हैं। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि कोई भी, न तो मुख्यमंत्री, न ही शिक्षा मंत्री कुछ समय निकालकर उनसे मिले। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं शिक्षिकाओं के आत्महत्या करने के प्रयास का समर्थन नहीं कर रहा हूं, लेकिन राज्य सरकार को यह सोचना चाहिए कि उन्होंने यह चरम कदम उठाने के लिए क्या प्रेरित किया।

हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। इस मुद्दे पर बोलते हुए, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि किसने उन्हें जहर का सेवन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इसे अपने आप नहीं किया। उन्हें उकसाया गया और हमें यह देखने की जरूरत है कि कौन उन्हें उकसाया।