नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान धूं-धूं कर धधक रहा है। इमरान की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है। कोर्ट ने सवाल उठाया है कि आखिर कैसे किसी शख्स को अदालत से गिरफ्तारी कर लिया गया है। जिस तरह से पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा इमरान खान को गिरफ्तार किया गया। उसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आखिर रेंजर्स कौन होते हैं? किसी को गिरफ्तार करने वाले। गिरफ्तारी का अधिकार तो पुलिस के पास होता है। ऐसे में रेंजर्स ने किस हक से इमरान को गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि हम किसी भी कीमत में पाकिस्तान को जेल नहीं बनने देंगे। हम यहां लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन नहीं होने देंगे। अब ऐसे में इमरान रिहा होते हैं या सलाखों के पीछे ही रहते हैं ? ये तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि इस पूरे मामले में चीन की चुप्पी को लेकर सवाल उठ रहे हैं और यह सवाल उठना लाजिमी भी है।
ये वही चीन है, जो कि हर मसले में पाकिस्तान का खुलकर सपोर्ट करता है, लेकिन ताज्जुब कि बात है कि इमरान की गिरफ्तारी पर उसने एक शब्द भी बोलना गवारा नहीं समझा, जिसके गहरे निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। ध्यान रहे कि बीते दिनों पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसीम मुनीर चीन के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन इस बात को लेकर हैरानी जताई जा रही है कि उन्होंने अपने समकक्ष से मुलाकात करने की जहमत तक नहीं उठाई, जिसे लेकर हैरानी भी जताई गई थी।
ध्यान रहे कि दोनों देशों की दोस्ती जगजाहिर है, लेकिन अब जिस तरह से एनएबी रेंजर्स द्वारा इमरान खान को गिरफ्तार किया गया है, उस पर चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। वहीं, अगर इमरान खान की गिरफ्तारी की बात करें, तो मामला सुप्रीम कोर्ट मे विचाराधीन है। जिस तरह कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी का विरोध किया है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी दिनों इमरान को रिहा किया जा सकता है।