नई दिल्ली। यूपी सहित पांच राज्यों में परीक्षा के बाद परिणाम की घड़ी नजदीक है। देश का सबसे बड़ा राजनीतिक सूबा यानी उत्तर प्रदेश में जो रूझान सामने आ रहे हैं, वे अगर नतीजों में बदलते हैं तो योगी आदित्यनाथ इतिहास रच रहे होंगे। पूरी तस्वीर साफ होने में बस चंद घंटों की ही देर हैं, उसके बाद सबकुछ साफ हो जाएगा। हालांकि, जिस तरीके का रूझान है, जो अब धीरे-धीरे साफ भी करता जा रहा है कि योगी ही यूपी में उपयोगी हैं। बीजेपी के लिए चुनाव से 6 माह पहले तक सबकुछ ठीक रहा था, लेकिन उसके बाद एक के बाद एक करके 11 विधायक बीजेपी का साथ छोड़कर सपा में चले गए, जिसमें तीन मंत्री भी शामिल थे। इससे भाजपा के खिलाफ में माहौल बनने लगा था, यहां तक की कयास भी लगने लगे थे कि भाजपा चुनाव हार सकती है। लेकिन चुनाव परिणामों को देखते हुए कहा जा सकता है कि यूपी के लोगों ने योगी को ही यूपी के लिए उपयोगी समझा। यहां हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर क्या वजहें रही कि यूपी के लोग योगी को ही यूपी के लिए उपयोगी समझें? आइए जानते हैं।
नंबर 1. कानून व्यवस्था : अखिलेश यादव द्वारा सस्ती बिजली, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा, शिक्षामित्रों को फिर से सहायक अध्यापक बनाने और पुरानी पेंशन लागू करने जैसे बड़े-बड़े चुनावी घोषणाएं भी योगी सरकार की कानून व्यवस्था के आगे फेल हो गए, ऐसा अब कहा जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने लोगों को यह समझाने पर जोर दिया कि यदि कानून व्यवस्था बेहतर रहती है तो प्रदेश का विकास तेजी से होता है। इसके अलावा महिलाओं ने भी योगी के वादों पर भरोसा किया।
नंबर 2. मुफ्त राशन: कोरोनाकाल के दौरान और पिछले तीन साल से लगातार भाजपा सरकार द्वारा हर गरीब तक मुफ्त राशन पहुंचाने का काम ने इस चुनाव में असर किया। गांव-गांव में लोगों द्वारा इसकी खूब तारीफ की गई। पीएम मोदी और सीएम योगी ने भी अपनी रैलियों में इसको खूब मौके की तरह भूनाया। वे अपनी रैलियों में हमेशा इसका जिक्र करते थे। परिणामों में इसका फायदा भाजपा को मिलते दिख रहा है।
नंबर 3. महिलाओं का मिला भरपूर समर्थन: पिछले कुछ सालों से भाजपा की सबसे बड़ी ताकत महिलाएं बनकर उभरी हैं । पीएम मोदी भी अपनी योजनाएं में महिलाओं को केंद्र में रखते हैं। पीएम आवास योजना हो या उज्ज्वला योजना हो,शायद महिलाएं इस बात को समझती हैं कि पीएम मोदी उनके भलाई के लिए ही काम कर रहें हैं।
नंबर 4. किसान सम्मान निधि और आवास योजना: योगी आदित्यनाथ के काल में यूपी में विकास कार्य हुआ है। इसके अलावा पीएम किसान सम्मान योजना के तहत हर साल छोटे किसानों के खाते में छह हजार रुपये मिलते हैं। यानी लोग इस बात को भी समझते हैं कि डबल इंजन की सरकार ही उनकी भलाई कर सकती है। इसके अलावा आवास योजना और शौचालय के लिए भी गरीब व मध्य वर्ग के लोगों को अच्छी खासी रकम दी जाती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी की योजनाएं आम लोगों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं, तभी चुनावों में भी इसका असर दिखता है।
नंबर 5. दलित वोटर्स का बीजेपी में आना : एक आंकड़े के मुताबिक देखा जाए तो करीब 70% दलित वोटर्स बहुजन समाज पार्टी से शिफ्ट होकर भाजपा की तरफ आ चुके हैं। अखिलेश की समाजवादी पार्टी ने काफी कोशिशें कीं, लेकिन दलित वोटर्स का भरोसा नहीं जुटा पाई। ऐसा इसलिए भी क्योंकि जब सपा की सरकार थी, तब सबसे ज्यादा दलितों पर अत्याचार के मामले सामने आए थे। बसपा के बाद यदि दलित वोटर्स का किसी पार्टी पर भरोसा बना है तो वह भाजपा ही है।