मुंबई। एकनाथ शिंदे और उनके साथ 38 विधायकों की बगावत से शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की नींद उड़ी हुई है, लेकिन अब जो खबर आई है उससे उनकी चिंता और बढ़ सकती है। हिंदी अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि शिवसेना में मची रार का फायदा अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी MNS के चीफ राज ठाकरे उठाने की कोशिश कर रहे हैं। अखबार के मुताबिक बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे के बीच चर्चा तक हो चुकी है और आने वाले वक्त में शिवसेना पर कब्जे के लिए उद्धव और राज ठाकरे में टकराव के आसार बन सकते हैं।
दरअसल, शिवसेना की पहचान ही ठाकरे परिवार है। पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के बेटे उद्धव के पास फिलहाल शिवसेना की कमान है। वहीं, फायरब्रांड नेता राज ठाकरे उनके चचेरे भाई हैं। उद्धव से टकराव के कारण ही राज ने शिवसेना छोड़कर एमएनएस बनाई थी। वो तभी से लगातार उद्धव पर निशाना साधने और उनकी सरकार के खिलाफ तमाम अभियान छेड़ने में लगे रहते हैं। नवभारत टाइम्स ने सूत्र के हवाले से दावा किया है कि राज ठाकरे की पार्टी के एक करीबी नेता ने पिछले दिनों एकनाथ शिंदे से चार बार फोन पर बात की। गुजरात के वड़ोदरा में शिंदे और बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस और अमित शाह के बीच जिस गुप्त बैठक की खबर सामने आई थी, उसमें भी इस बारे में चर्चा होने का दावा अखबार से सूत्र ने किया है।
अगर राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पटरी बैठ जाती है, तो राज को भी फायदा होगा और शिंदे गुट को भी ‘ठाकरे’ का नाम अपने साथ मिल जाएगा। खबर के मुताबिक शिंदे गुट के बागी विधायक भी राज ठाकरे के साथ जाने के लिए तैयार हैं। राज ठाकरे प्रखर हिंदुत्व की राह पर चलते हैं। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर उनके साथ जाने से शिंदे गुट को उद्धव की मौजूदा सेकुलर छवि को धक्का पहुंचाने में मदद मिलेगी। महाराष्ट्र विधानसभा में राज ठाकरे की एमएनएस का एक विधायक है। अगर शिंदे गुट ने राज से हाथ मिलाया, तो उद्धव के लिए बड़ा संकट खड़ा हो सकता है और शिवसेना को गंवाना भी पड़ सकता है। राज ठाकरे ऐसे नेता हैं, जो भले शिवसेना में न हों, लेकिन शिवसेना के कैडर में उनकी इज्जत है। ऐसे में अगर पार्टी पदाधिकारियों को वो बड़े पैमाने पर तोड़ लें, तो शिंदे की मदद से वो शिवसेना को भी उद्धव के हाथ से झटक सकते हैं।