नई दिल्ली। आम लोगों की तुलना में राजनेता ज्यादा ही बेबाकी होते हैं। किसी भी मसले पर अपनी राय सार्वजनिक करना इन राजनेताओं की फितरत में शुमार होता है, लेकिन कई बार इनकी बेबाकी ही इनकी लुटिया डूबो जाती है। ऐसा ही पहले कांग्रेस और अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके कपिल सिब्बल के साथ हुआ है, लेकिन सिब्बल की स्थिति में ऐसा तो नहीं कह सकते हैं कि उनकी लुटिया डूब चुकी है, मगर हां यह जरूर कह सकते हैं कि उनकी विश्वसनीयता को बड़ा अघात पहुंचा है या यूं कह लीजिए कि एक तरह से उनके झूठ का पर्दाफाश हुआ है और यह पर्दाफाश किसी और ने नहीं, बल्कि पीआईबी फैक्ट चैकर ने खुद किया है। आइए, अब आपको पूरा माजरा जरा विस्तार से बताते हैं।
जानें पूरा माजरा
पीआईबी के फैक्ट चैकर के मुताबिक, कांग्रेस सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुके कपिल सिब्बल ने अपने एक बयान में दावा किया था कि, ‘संशोधित आईटी कानून के तहत अपमानजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के विरुद्ध मुकदमा चलाया जाएगा।’ अब इस तरह का दावा किसी सड़क छाप व्यक्ति ने किया होता, तो शायद उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, लेकिन अब कपिल सिब्बल ठहरे उस वक्त के सूचना प्रसारण मंत्री तो जाहिर है कि उनकी बातों को गंभीरता से तो लिया ही जाएगा, लेकिन अफसोस उनके दावे के बाद पीआईबी के फैक्ट चैकर ने सिब्बल को लेकर ऐसा खुलासा किया कि अब शायद उनके बयान को कोई गंभीरता से ना लें। आइए, जानते हैं कि पीआईबी के फैक्ट चैकर ने ऐसा क्या खुलासा किया।
जानिए PIB का खुलासा
दरअसल, पीआईबी के फैक्ट चैकर ने कपिल सिब्बल के बयान को लेकर कहा कि, ‘पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा किया गया उपरोक्त दावा पूरी तरह से निराधार है। पीआईबी के फैक्ट चैकर ने आगे कहा कि आईटी नियमों में अभी किसी भी प्रकार का ऐसा संशोधन नहीं किया गया है, जिसमें अपमानजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने का प्रावधान हो।
Former Union IT Minister Kapil Sibal in a statement claims that under the amended IT rules, people making defamatory statements will be prosecuted#PIBFactCheck
◼️This claim is Misleading
◼️The amended IT Rules have not added any new provision for prosecution pic.twitter.com/e0n2y9z7bb
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) October 29, 2022
जिससे यह साफ जाहिर होता है कि कपिल सिब्बल द्वारा किया गया उपरोक्त दावा पूरी तरह से निर्मूल और निराधार है। यही नहीं, पीआईबी ने सिब्बल के बयान को मिसलिडिंग बताया है।