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Ayodhya: तेजी से पूरा हो रहा है अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का काम, इस महीने से शुरू होगा मुख्य इमारत का काम

Ayodhya: राम मंदिर का निर्माण 2023 तक पूरा कर श्रद्धालुओं के लिए खोलने का एलान ट्रस्ट पहले ही कर चुका है। कुछ समय पहले मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान की खदानों से पत्थर मिलने में मुश्किल हो रही थी, क्योंकि वहां की कांग्रेस सरकार ने खदान चलाने पर रोक लगा दी थी। अब फिर वहां से पत्थर आने लगे हैं। ग्रेनाइट पत्थर भी राजस्थान और यूपी के ललितपुर से लाए जा रहे हैं।

अयोध्या। रामनगरी में रामलला के मंदिर का काम तेजी से चल रहा है। दो शिफ्ट में मजदूर और इंजीनियर यहां काम कर रहे हैं। नींव की जल्द भराई के बाद जल्दी ही यहां मंदिर की मुख्य इमारत का काम भी शुरू होने जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर बनाने से पहले नींव डालने का काम किया जा रहा है। इसके लिए 12-12 घंटे की दो शिफ्ट चलाई जा रही हैं। नींव की 44 परतें डाली जानी हैं। इनमें से 25 परतें पूरी हो चुकी हैं।

ram mandir

सितंबर तक इस काम को हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद मंदिर के आधार को बनाने का काम शुरू होगा। इस आधार के लिए यूपी के मिर्जापुर से बलुआ पत्थर और अन्य जगह से ग्रेनाइट मंगाकर उन्हें तराशा जा रहा है।

राम मंदिर का निर्माण 2023 तक पूरा कर श्रद्धालुओं के लिए खोलने का एलान ट्रस्ट पहले ही कर चुका है। कुछ समय पहले मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान की खदानों से पत्थर मिलने में मुश्किल हो रही थी, क्योंकि वहां की कांग्रेस सरकार ने खदान चलाने पर रोक लगा दी थी। अब फिर वहां से पत्थर आने लगे हैं। ग्रेनाइट पत्थर भी राजस्थान और यूपी के ललितपुर से लाए जा रहे हैं।

ट्रस्ट के मुताबिक 15 सितंबर तक नींव का काम पूरा करने की समयसीमा रखी गई है। इससे पहले ही यह काम खत्म होने की उम्मीद है। मंदिर का आधार बनाने में कुछ समय लगेगा, लेकिन उसके बाद पत्थरों को एक के ऊपर एक जोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। मंदिर का निर्माण 400 फुट चौड़ी, 300 फुट लंबी जमीन पर हो रहा है। मंदिर को इस तरह बनाया जा रहा है कि कई सदियों तक यह हर तरह की प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रहे। मंदिर बनवाने में एलएंडटी और टाटा कंसल्टेंसी के अलावा आईआईटी के इंजीनियर भी शामिल किए गए हैं।