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UP: गोरखपुर कांड के बाद भड़के CM योगी, दिया सख्त आदेश, कहा- नहीं चाहिए एक भी भ्रष्ट पुलिस अधिकारी

Yogi Adityanath Action Against Criminal Policeman गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता की हत्या और हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों पर हुए खुलासे के बाद गुरूवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश की सबसे बड़ी सिविल पुलिस फ़ोर्स है।

उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुई मनीष गुप्ता की हत्या और उसके बाद पुलिस की लापरवाही के बाद योगी सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में दोषियों के प्रति कड़ी कार्रवाई की बात कह चुके हैं। गोरखपुर में हुए कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता मामले में योगी सरकार ने सभी 6 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया है। इतना ही नहीं, अब योगी सरकार इस तरह के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है। दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? कैसे दागी पुलिसकर्मियों से उत्तर प्रदेश को मुक्त करवाएगी योगी सरकार!

yogi aditynath

नहीं बख्से जायेंगे दागी पुलिसवाले!

दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसके बाद पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। दागी पुलिसकर्मियों की वजह से योगी सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार दागी पुलिसकर्मियों को छोड़ने के मूड में नहीं है। पुलिस के काम करने के तौर तरीके और व्यवहार पर उठते सवाल पर योगी अदित्यानाथ ने अब थाने और सर्किल में तैनात एक-एक दागी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है। पुलिसिया कार्रवाई में सुधार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस इंटेलिजेंस के डीजी और लॉ एंड ऑर्डर के एडीजीपी के नेतृत्व में दो अलग-अलग कमेटियां बनाने का आदेश दिया है। इन कमेटियां को दागी छवि वाले पुलिसकर्मियों की एक सूची तैयार करने और उसकी जांच करने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद दागी पुलिसकर्मियों को सीधे बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है।

भ्रष्ट पुलिसकर्मी ना रहें यूपीपी का हिस्सा- योगी आदित्यनाथ 

मिली जानकारी के मुताबिक़, गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता की हत्या और हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों पर हुए खुलासे के बाद गुरूवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश की सबसे बड़ी सिविल पुलिस फ़ोर्स है। कई बार यूपी पुलिस ने अपने कामों का शानदार उदाहरण दिया है लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों के भ्रष्ट होने और अवैध गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतें मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अपर मुख्स सचिव और डीजीपी से साफ़ साफ़ कहा है कि कोई भी भ्रष्टाचारी पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा नहीं रहना चाहिए। दोषी पुलिसकर्मियों का सबूत के साथ लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है।

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गठित होने के बाद से ही एक्शन में कमेटियां 

योगी आदित्यनाथ दागी पुलिसकर्मियों को लेकर कितने सख्त हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगा लीजिये कि गठित होने के बाद से ही दोनों कमेटियां सक्रिय हो गयी हैं। आपको बता दें कि डीजी इंटेलिजेंस की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एडीजी लॉ एन ऑर्डर और होम सेक्रेटरी मेम्बर के तौर पर शामिल होंगे। यह कमेटी एएसपी और डीएसपी पोस्ट के अधिकारियों की स्क्रीनिंग करेगी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की अध्यक्षता वाली दूसरी कमेटी इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर की पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग करेगी। इन कमेटियों की ख़ास नजर उन पुलिसकर्मियों पर होगी जो तीन सालों से एक ही जिले में तैनात हैं और जिन पर कई तरह आरोप हैं। अब देखने वाली बात है कि ये दोनों कमेटियां कब तक अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपती हैं और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी।