नई दिल्ली। भेल ही साल 2021 कोरोना महामारी के कारण लोगों के दुख भरा रहा हो लेकिन इसी साल कुछ पल ऐसे भी आए जिससे देश का नाम दुनियाभर में गुंजा। इसी साल भारत को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra Birthday) ने गोल्ड दिलाया। भाला फेंक खेल में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने भारत का नाम रौशन किया। मुकाबले में मिले गोल्ड के बाद से ही उन्हें गोल्डन बॉय (Golden Boy) के नाम से पुकारा जाने लगा है। आज इसी गोल्ड बॉय यानी नीरज चोपड़ा का जन्मदिन है। जिस एथलीट मेडल के लिए 121 साल से देश सपने देख रहा था। इस सपने को हक्कीत बनाने वाले नीरज चोपड़ा के जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जिंदगी के बारे में कुछ ऐसी बातें जिसे शायद ही आप जानते होंगे…
ऐसा रहा निजी जीवन
गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा का जन्म हरियाणा के जिले पानीपत में हुआ। साल 1997 में आज ही के दिन नीरज चोपड़ा का जन्म छोटे से गांव खांद्रा में किसान के घर पर हुआ था। नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज में एडमिशन लिया था। यहीं से उन्होंने (नीरज चोपड़ा) ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
मोटापे बना जैवलिन खेल में रूचि का कारण
अपने बचपन में नीरज चोपड़ा काफी मोटे थे। मोटापे के कारण हर कोई उनका मजाक उड़ाते थे। नीरज चोपड़ा का परिवार भी इस मोटापे से परेशान था ऐसे में उनके चाचा ने सलाह दी कि वो रोजाना स्टेडियम में दौड़ लगाए। 13 साल की उम्र में उन्होंने स्टेडियम में भागना तो शुरू किया लेकिन उन्हें इसे करने में मजा नहीं आता है। इस दौरान वहां नीरज स्टेडियम में खिलाड़ियों को भाला फेंकते हुए देखते थे जिसके बाद से ही उनकी इस खेल को लेकर रूचि बढ़ने लगी। फिर क्या नीरज चोपड़ा ने जैवलिन फेंकना शुरू किया और आखिरकार जिस एथलीट मेडल के लिए 121 साल से देश सपने देख रहा था। इस सपने को हक्कीत बना दिया।
2016 में ज्वाइन की आर्मी
नीरज चोपड़ा ने साल 2016 में पोलैंड में हुए आईएएएफ वर्ल्ड यू-20 चैम्पियनशिप मुकाबले में 86।48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड पर कब्जा किया था। उनकी इसी जीत से खुश होकर आर्मी ने उन्हें राजपुताना रेजिमेंट में बतौर जूनियर कमिशनड ऑफिसर के तौर पर नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया था। हालांकि खिलाड़ियों को आर्मी में ऑफिसर के तौर पर बहुत कम ही नियुक्ति मिलती है, लेकिन नीरज उन लोगों में से एक हैं जिनकी प्रतिभा के बलबूते उन्हें सीधे डायरेक्ट ऑफिसर बना दिया गया।
आपको बता दें, 7 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक के पुरुषों के भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर अपने नाम स्वर्ण पदकर जीत कर देश के नाम विश्व पटल पर ऊंचा किया था। नीरज चोपड़ा ने देश के लिए स्वर्ण पदक ऐसे समय में जीता था, जब भारत के सभी खिलाड़ी स्वर्ण जीतने में असफल हुए थे। ऐसे में नीरज द्वारा प्राप्त की हुई इस उल्लेखनीय उपलब्धि की चौतरफा प्रशंसा हुई थी। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम विश्व पटल पर ऊंचा करने वाले एथलीट नीरज चोपड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से भी मेजर ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।