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भारत, यूएस के बाद अब ड्रैगन को झटका देने की तैयारी में ऑस्ट्रेलिया, टिकटॉक पर कर रहा बैन

टिकटॉक मूल कंपनी बाइटडांस लगातार दावा करती रही है कि उसके सर्वर अमेरिका और सिंगापुर में हैं। हालांकि चीन सरकार द्वारा इस डाटा तक पहुंच हासिल करना मुश्किल नहीं है।

नई दिल्ली। भारत-चीन विवाद का असर भारत में चीनी प्रोडक्ट के बहिष्कार के रूप में देखने को मिला। लोगों की तरफ से भी ये मांग उठी कि, चीनी सामानों को बायकॉट किया जाय। इसके अलावा सरकार की भी तरफ से 59 चाइनीज ऐप्स को भारत में बैन कर दिया गया। जिसमें डाटा सुरक्षा को आधार बनाकर टिकटॉक जैसे बड़े लोकप्रिय App भी शामिल थे। भारत में टिकटॉक बैन होने के बाद अब दूसरे देशों ने भी इसके खिलाफ कदम उठाने शुरू कर दिये हैं।

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बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी डाटा सुरक्षा के खतरे को लेकर चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही हैं। भारत में इस पर पहले ही पाबंदी लग चुकी है औऱ अमेरिकी सरकार भी इसी कवायद में जुटी है। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट के मुताबिक, लिबरल पार्टी के सीनेटर जिम मोलान ने कहा कि टिकटॉक का चीन सरकार द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। जबकि लेबर पार्टी के सीनेटर जेनी मैकएलिस्टर ने कहा कि टिकटॉक के प्रतिनिधियों को विदेश मामलों की स्थायी समिति के समक्ष पेश किया जाए ताकि चीन सरकार से उसके रिश्तों की असलियत उजागर हो सके।

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अखबार के मुताबिक, टिकटॉक मूल कंपनी बाइटडांस लगातार दावा करती रही है कि उसके सर्वर अमेरिका और सिंगापुर में हैं। हालांकि चीन सरकार द्वारा इस डाटा तक पहुंच हासिल करना मुश्किल नहीं है। कंपनी ने जनवरी में कहा था कि दुनिया का कोई डाटा स्टोरेज सिस्टम 100 फीसदी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता।

कंपनी ने कहा कि अगर टिकटॉक यूजर चाहे है या अगर कोई सरकार एप पर प्रतिबंध लगाती है तो इससे सर्वर में डाटा अपनेआप डिलीट नहीं हो जाता है, क्योंकि एक बार डाटा ट्रांसफर होने के बाद उसे कंपनी की मदद के बिना वापस पाना मुमकिन नहीं है।