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2022 में भूलकर भी न करें गूगल पर इन चीजों को सर्च, नहीं तो खानी पड़ जाएगी जेल की हवा

हमारे समाज में अपराध का स्तर अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। दानव रूप में मानव का लबादा ओढ़ने वाले लोगों की बढ़ती संख्या में कानून-व्यवस्था के संरक्षकों के आगे चुनौतियों का अंबार खड़ा हो गया है। महिलाओं समेत बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ रहे हैं।

नई दिल्ली। क्या आपको भी है, हर छोटी-बड़ी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए गूगल की हेल्प लेने की आदत, तो आपके लिए है ये खबर बड़े ही काम की, क्योंकि इस खबर में हम आपको उन चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अगर आपने साल 2022 में गूगल पर सर्च करने की भूल की, तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है। जी बिल्कुल…ठीक पढ़ रहे हैं आप… इसलिए अगर आपको भी गूगल पर उलजुलूल चीजों को सर्च करने की आदत, तो हो जाए अब सावधान, नहीं तो पड़ जाएंगे लेने के देने। इतना सब कुछ पढ़ लेने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी कौन-सी चीजें हैं, जिन्हें गूगल पर सर्च करने पर हमें सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है, तो चलिए इसके बारे में हम आपको पूरे तफसील से इस रिपोर्ट में बताते हैं…!

चाइल्ड पॉनोगॉर्फ

हमारे समाज में अपराध का स्तर अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। दानव रूप में मानव का लबादा ओढ़ने वाले लोगों की बढ़ती संख्या से कानून-व्यवस्था के संरक्षकों के आगे चुनौतियों का अंबार खड़ा हो गया है। महिलाओं समेत बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गूगल पर बच्चों से जुड़ी यौन सामाग्रियों को सर्च करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार की है। इन रूपरेखाओं के अनरूप अगर कोई व्यक्ति बच्चों से जुड़ी यौन सामाग्रियों को सर्च करने के कुकृत्य में पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत विधिक कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है।

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ऐसा करने वाले वालों को 5 से 7 साल तक की जेल हो सकती है। यह कदम समाज में बढ़ रहे बच्चों के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में उठाया गया है, चूंकि आज की तारीख में सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर विकृत हो चुकी लोगों की मानसिकता परिलक्षित हो रही है। जिसे वे आगे चलकर समाज में हकीकत में बदलने का काम करते हैं और नतीजतन अपराधा का दायरा बढ़ता चला जाता है।

दुर्व्यवहार या पीड़िता को जाहिर न करें

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में किसी भी पीड़िता के नाम को प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर जाहिर करने से मना किया हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भी अगर कोई कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लिहाजा आप किसी भी पीड़िता का नाम सोशल मीडिया सहित अन्य किसी भी संचार माध्यम के जरिए प्रचारित या प्रसारित करने से बचें अन्यथा आपको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है।

फिल्म प्राइवेसी

फिल्म को रिलीज करने से पहले उसे गूगल पर सर्च करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि विगत दिनों केंद्र सरकार ने अपने कैबिनेट बैठक में सिनोमेटी ग्राफ एक्ट 1952 में संशोधन कर इसे अपराध की श्रेणी में दर्ज किया था।

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जिसको ध्यान में रखते हुए अगर आप किसी भी फिल्म के रिलीज होने से पहले उसे गूगल पर सर्च करने की भूल करते हैं, तो आपको लेने के देने पड़ सकते हैं, लिहाजा आपके लिए मुनासिब रहेगा कि आप ऐसा कुछ भी करने से बचें।

गर्भपात कैसे कराएं

आपको तो पता ही होगा कि गर्भपात कराना कानूनन जुर्म है,  लेकिन अगर इसके बावजूद भी अगर कोई गूगल पर या सोशल मीडिया के किसी माध्यम के जरिए गर्भपात के संदर्भ में सर्च करते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी विधिक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

गर्भवती

विदित है कि गर्भपात के जरिए लोग यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि उनके गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। अगर लड़की होती है तो वो उसे मारने का प्लान बनाते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए अब केंद्र सरकार इन तमाम गतिविधियों के खिलाफ सख्त हो चुकी है।

प्राइवेट फोटो और वीडियो डाउनलोड करना

ध्यान रहे कि अगर आप साल 2022 में किसी की भी प्राइवेट फोटो या वीडियो शेयर करने की भूल करेंगे तो आपको लेने के देने पड़ सकते हैं। आपको विधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। आपको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है। लिहाजा आप किसी भी ऐसी गतिविधि को अंजाम देने से पहले बचें। बता दें कि सरकार ने यह उक्त कदम इंटरनेट के जरिए बढ़ रहे अपराध को ध्यान में रखते हुए उठाया है। कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें अपराध की मुख्य वजह इंटरनेट को देखा जाता है। जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार का यह कदम प्रासंगिक माना जा रहा है।