नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आखिरी सांस तक लड़ने का वादा किया था, लेकिन तालिबान के आने और राजधानी शहर पर कब्जा करने के बाद काबुल से भाग गए। हाल ही में सीबीएस न्यूज के एक साक्षात्कार में, ब्लिंकन से पूछा गया कि क्या उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गनी को काबुल में रहने के लिए मनाने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा कि वह शनिवार (14 अगस्त) की रात को गनी के साथ फोन पर थे, उन्होंने काबुल में एक नई सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की योजना को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि यह सरकार ‘तालिबान के नेतृत्व में होगी, लेकिन अफगान समाज के सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा’।
ब्लिंकन ने बताया, “गनी ने उनसे कहा था कि वह ऐसा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि अगर तालिबान साथ नहीं देगा, तो वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे। लेकिन अगले ही दिन, वह अफगानिस्तान से भाग गए।” अगले ही दिन 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया।