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20 साल में चीन ने दुनिया को दिए 4 घातक वायरस, अब अमेरिका कुछ ऐसा करने की तैयारी में

अमेरिका लगातार कोरोना वायरस के मुद्दे पर चीन पर सवाल उठा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा है कि बीते 20 साल में चीन ने दुनिया को 5 बड़े संकट दिए हैं। 

वाशिंगटन। अमेरिका लगातार कोरोना वायरस के मुद्दे पर चीन पर सवाल उठा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा है कि बीते 20 साल में चीन ने दुनिया को 5 बड़े संकट दिए हैं।

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इन संकटों में 4 वायरस है, जैसे – सार्स, एवियन फ्लू, स्वाइन फ्लू और कोरोनावायरस चीन से दुनिया भर में फैले हैं, ये सिलसिला अब रुकना चाहिए। उधर अमेरिकी सीनेट में चीन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने मंगलावर को ऐसा कानून लाए जाने का प्रस्ताव रखा जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चीन पर प्रतिबंध लगाने की ताकत देगा।

रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा- हमें पता है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैला, इस बात के कुछ सबूत भी हैं। भले ही वायरस लैब से निकला हो या फिर मीट मार्केट से, लेकिन बार-बार चीन का नाम आना अच्छी बात नहीं। अब पूरी दुनिया चीन की सरकार से कहेगी कि बार-बार ऐसे संकट नहीं झेल सकते। ओब्रायन ने कहा कि चीन चाहता तो कोरोनावायरस को रोक सकता था। हमने हेल्थ प्रोफेशनल भेजने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

सीनेट में बैन करने का प्रस्ताव

समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार अमेरिकी सीनेट में चीन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने ऐसा कानून लाए जाने का प्रस्ताव रखा है जो ट्रंप को चीन पर प्रतिबंध लगाने की ताक़त देगा। सांसद जिम इनहोफ़ ने अपने एक बयान में कहा, ‘चीन की कम्युनिस्ट सरकार को इस वैश्विक महामारी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया ही जानी चाहिए क्योंकि इसमें उसकी भूमिका सुनिश्चित हो चुकी है। चीन ने संक्रमण की शुरुआत के बारे में पूरी तरह से धोखा दिया है और इस धोखे की वजह से दुनिया का क़ीमती वक़्त और ज़िंदगियां बर्बाद हुई हैं।’

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इस प्रस्तावित क़ानून का नाम ‘कोविड-19 अकाउंटिबिलिटी बिल’ है।प्रस्तावित क़ानून के तहत राष्ट्रपति ट्रंप को 60 दिनों के भीतर संसद को बताना होगा कि चीन ने संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी दे दी है और इस सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र या उससे जुड़े संगठन (जैसे कि डब्ल्यूएचओ) अपनी जांच शुरू कर सकते हैं। क़ानून के तहत ट्रंप को ये भी बताना करना होगा कि चीन ने अपने सबसे ज़्यादा ख़तरे वाले ‘वेट मार्केट’ बंद कर दिए हैं और कोविड-10 संक्रमण के बीच गिरफ़्तार किए गए हॉन्ग-कॉन्ग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया है।