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Ind-China: महामारी के बीच भी चीन की नीच चाल, भारत को घेरने के लिए आजमा रहा है ये पैंतरा

China: चीन चाहता है कि भूटान और नेपाल भी उसके साथ आएं, जिससे एशिया में भारत को कमजोर करने की कवायद शुरू हो। हालांकि चीन की सारी चालाकियों से उलट भारत मजबूती के साथ खड़ा है।

नई दिल्ली। जहां एक तरफ दुनिया में कोरोना का कोहराम देखने को मिल रहा है तो वहीं भारत का पड़ोसी देश चीन अपनी नापाक चालों से अपने इरादों को जगजाहिर कर रहा है। बता दें कि इस महामारी में भी चीन अपनी नीच हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में अब चीन भारत को घेरने के लिए भारत के पड़ोसी देशों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इस प्रभाव को मजबूत करने के लिए चीन कोरोना काल में मदद करने का तरीका अपना रहा है। चीन की चाल को लेकर पूर्व विदेश सचिव शशांक का कहना है कि महामारी के वक्त भी चीन अपनी घेरेबंदी जारी रखे हुए है। उसकी रणनीति यही है कि भारत के पड़ोसी देशों पर अपना प्रभाव असरदार करे, और वो इस पर काम कर रहा है। दरअसल वह अमेरिका को पीछे छोड़ना चाहता है। चीन अपनी गतिविधियों को इस लिहाज से बढ़ाना चाहता है कि, जिससे उसका असर बढ़े और भारत की स्थिति कमजोर हो।

Jinping

दरअसल चीन कोविड मदद के बहाने नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। सिर्फ कोरोना काल में मदद ही नहीं चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इन देशों को राजनयिक समर्थन देकर उसके बदले में इन देशों की जमीन पर निगाह जमाए बैठा है। जहां बंदरगाह बनाए जाएं और लिसनिंग पोस्ट और इलेक्ट्रॉनिक जासूसी के केंद्र काम करें।

चीन सबसे ज्यादा पाकिस्तान पर अपना प्रभाव छोड़ रहा है, जिससे भारत के खिलाफ असरदार भूमिका में आ सके। चीन ने पाकिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका में बंदरगाह बना लिए हैं। चीन की भारत की घेराबंदी की कोशिश में पाकिस्तान मोहरा बनता आया है। बांग्लादेश को भी चीन सैन्य-आर्थिक मदद, बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहयोग देकर बदले में सामरिक सुविधाएं लेने के पत्ते चल रहा है।

PM Modi and Jinping

वहीं चीन चाहता है कि भूटान और नेपाल भी उसके साथ आएं, जिससे एशिया में भारत को कमजोर करने की कवायद शुरू हो। हालांकि चीन की सारी चालाकियों से उलट भारत मजबूती के साथ खड़ा है।

पूर्व विदेश सचिव शशांक का कहना है कि भारत ने क्वाड के जरिये चीन की रणनीतिक मोर्चेबंदी का संदेश दिया है। क्वाड प्लस की रणनीति पर भी काम चल रहा है। फिलहाल एशियाई नाटो बनाने की भारत की कोई मंशा नहीं है। लेकिन भारत चीन के दादागीरी को देखते हुए वो ये जरूर चाहता है कि दक्षिण एशिया के उसके पड़ोसी मित्र देशों में चीन का दखल न बढ़े। भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका,नेपाल,मालदीव में लगातार अपनी सक्रियता बरकरार रखी है। संपर्क परियोजनाओं को गति देने का प्रयास हो रहा है। कोविड की पहली लहर के दौरान भारत ने इन सभी देशों को महत्वपूर्ण मदद दी है।