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चीन के बाद अन्य देश भी कर सकते हैं कोविड-19 से मौत के आंकड़ों में संशोधन : विश्व स्वास्थ्य संगठन

कोविड-19 संबंधी तकनीकी मामलों के लिए डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व कर रहे मारिया वान केरखोव ने बताया, ‘‘संक्रमण जारी रहने के दौरान हर मामले और हर मौत को पहचानना चुनौतीपूर्ण होता है।’’

जेनेवा। कोरोनावायरस के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक हो चुकी है। दुनिया का लगभग हर देश इस महामारी की चपेट में है। लगभग हर महाद्वीप, उपमहाद्वीप, बड़ी से बड़ी महाशक्ति, गरीब, अमीर, हर कोई इसकी जद में है। कई देशों पर तो इसका जो कहर बरपा है उसको सदियों तक नहीं भुलाया जा सकेगा। इस वायरस के एपिसेन्टर चीन के वुहान में फिर से चहल पहल नजर आने लगी है। मगर इसके अलावा बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनसे दुनिया को अनजान रखा गया।

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चीन में इस महामारी से मौत के कुल आंकड़ों पर आज भी सवालिया निशान खड़ा है। कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गुस्से के बाद चीन ने वुहान में कोरोनावायरस के आंकड़े संशोधित किए तो सीधे 50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली। इसपर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के बाद कई देश चीन की तरह अपनी मृतक संख्या को संशोधित कर सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने शु्क्रवार को कहा कि वुहान में संक्रमण बहुत तेजी से फैला और प्राधिकारियों के लिए हर मौत एवं संक्रमण के मामले को दर्ज करना मुश्किल हो गया।

WHO 1

वुहान में अधिकारियों ने शुरुआत में इस संक्रमण पर पर्दा डालने की कोशिश की थी। इस संक्रमण को लेकर ऑनलाइन सचेत करने वाले चिकित्सकों को सरकार द्वारा सजा दी गई थी और संक्रमण के मामले दर्ज करने को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं क्योंकि उसने गणना के अपने मापदंडों को कई बार बदला है। कोविड-19 संबंधी तकनीकी मामलों के लिए डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व कर रहे मारिया वान केरखोव ने बताया, ‘‘संक्रमण जारी रहने के दौरान हर मामले और हर मौत को पहचानना चुनौतीपूर्ण होता है।’’

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उन्होंने यहां एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुछ बातें कहीं जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि कई देशों में ऐसी ही स्थिति पैदा होगी, जब उन्हें पीछे मुड़कर अपने रिकॉर्ड की समीक्षा करनी होगी और देखना होगा कि क्या हमने अपने यहां सभी मामलों को ठीक से पहचाना?’’ उन्होंने कहा कि वुहान में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर काम का बेहद ज्यादा दबाव नजर आ रहा था, कुछ मरीजों की तो अपने घर के अंदर पड़े पड़े ही मौत हो गई और अन्य लोग अस्थायी केंद्रों में थे। चिकित्साकर्मियों का ध्यान मरीजों के उपचार पर था, इसलिए उन्होंने समय पर कागजी काम नहीं किया।

डब्ल्यूएचओ में आपात मामलों के निदेशक माइकल रेयान ने कहा, ‘‘सभी देश ऐसी स्थिति का सामना करेंगे।’’ लेकिन उन्होंने देशों से जल्द से जल्द सटीक आंकड़े मुहैया कराने की अपील की।उल्लेखनीय है कि कोविड-19 मामलों के आंकड़े छिपाने को लेकर हो रही अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बीच चीन ने मृतकों की संख्या में शुक्रवार को संशोधन किया। चीन ने कोरोना वायरस के उत्पत्ति केंद्र वुहान शहर में मृतकों की संख्या में 1,290 का इजाफा किया, जिससे चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 4,632 हो गई।

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वुहान में 16 अप्रैल तक कोरोना वायरस की पुष्टि किए गए कुल मामलों में 325 की वृद्धि की गयी जो बढ़कर 50,333 हो गए और मृतकों की संख्या में 1,290 की वृद्धि की गयी। इस तरह कोरोनावायरस से मौतों की पुष्टि के बाद मृतक संख्या 3,869 हो गई।

संशोधित आंकड़े के मुताबिक चीन में कोविड-19 से हुई मौतों की कुल संख्या बढ़कर 4,632 हो गई है। कुल मामलों की संख्या भी बढ़कर 82,692 हो गई। अभी तक कोरोनावायरस का वैक्सीन नहीं ढूंढा जा सका है। जिसकी वजह से अमेरिका इटली फ्रांस स्पेन जर्मनी इंग्लैंड जैसे कई देशों पर लगातार यह संकट गहराता जा रहा है अब दुनिया के आगे सबसे बड़ी चुनौती अपने नागरिकों को इस संक्रमण से बचाने की है।