नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है। हर तरफ महामारी का प्रकोप दिखाई दे रहा है। हर उम्र के लोगों पर इस महामारी ने व्यापक असर छोड़ा है। इस वायरस का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों पर दिख रहा है। लेकिन कुछ बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो इस वायरस को हरा चुके हैं। ऐसी ही एक वृद्ध महिला हैं। 101 साल की एजेंलिना फ्राइडमैन जो फ्लू और कैंसर के बाद अब कोरोनावायरस को हराकर घर लौटी हैं।
एंजेलिना को कई बार गंभीर बीमारियों ने जकड़ा लेकिन वह हर मोर्चे पर डटी रहीं और जिंदगी की जंग जीती। 1918 में उन्हें स्पेनिश फ्लू का संक्रमण हुआ। मिस्कैरेज हुआ। कैंसर से भी जूझीं और शरीर के कई हिस्सों में ब्लीडिंग हुई। और अब कोरोना के संक्रमण से उबरी हैं। जानिए इनकी पूरी कहानी-
एंजेलिना को परिवार के लोग सुपरवुमन कहते हैं क्योंकि वह बीमारियों को जिस तरह हराकर लौटीं वह चमत्कार से कम नहीं था। एंजेलिना की बेटी का कहना है कि मां और पिता दोनों को एक समय पर कैंसर हुआ। मां तो जिंदगी की जंग जीत गईं लेकिन पिता हमारा साथ छोड़ गए।
अलग-अलग रिसर्च में भी बताया गया है कि कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक खतरा 60 से अधिक उम्र के लोगों का है, खासकर जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। एंजेलिना की उम्र 101 साल है, अधिक हाई रिस्क जोन में होने के बाद भी उनमें रिकवरी हुई।
न्यूयॉर्क की रहने वाली एंजेलिना को कोरोना से पहले भी महामारी का संक्रमण हुआ लेकिन वह हारी नहीं। 1918 में उन्हें स्पेनिश फ्लू के सबसे खतरनाक स्ट्रेन का संक्रमण हुआ था। उस समय दुनियाभर में 50 करोड़ लोग संक्रमित हुए थे। सिर्फ अमेरिका में ही 6,75,000 मौत हुई थीं।
स्पेनिश फ्लू के दौरान में सबसे ज्यादा मौतें 20 से 40 साल के स्वस्थ लोगों की हुई थीं। इनमें लाखों द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल सैनिक भी थे। फ्लू से मरने वालों में 5 साल से लेकर 75 साल तक के बुजुर्ग शामिल थे। भारत में भी कुछ समय पहले केरल में बुजुर्ग जोड़े ने कोरोना को हराया था। जो कि अपने आप में जीवन के संघर्ष की कहानी बयां करता है।