नई दिल्ली। भारत की संस्कृति से अछूता रह पाना किसी भी देश के लिए नामुमकिन है। विश्व के अलग-अलग हिस्सों में आज भी भारत की संस्कृति और कला की अद्भुत छटा देखने को मिल जाती है। अब ऐसी ही खूबसूरत और अद्भुत कला से सराबोर पहला हिंदू मंदिर यूएई में देखने को मिलेगा, जो दिखने में बिल्कुल राजस्थान के मंदिरों की याद दिलाएगा। खास बात ये है कि इस मंदिर का दौरा हाल ही में विदेश मंत्री जयशंकर करने पहुंचे थे। जहां पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने दर्शन किए और फिर मंदिर के बारे में कुछ खास बाते भी कहीं। तो चलिए पहले जानते हैं कि विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या कहा।
Auspicious beginning to the visit of EAM @DrSJaishankar.EAM visited the @BAPS @AbuDhabiMandir site and laid a brick in its intricate architecture.Also hailed the efforts of all Indians in building the iconic Temple,a symbol of peace, tolerance and harmony @MEAIndia @sunjaysudhir pic.twitter.com/gTFOsyvC4I
— India in UAE (@IndembAbuDhabi) August 31, 2022
विदेश मंत्री पहुंचे मंदिर
विदेश मंत्री ने मंदिर को सहिष्णुता, सद्भाव और शांति का प्रतीक बताया। इस मंदिर का निर्माण कार्य भी जारी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान मंदिर बनाने के काम को पूरा कर रहे लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने एक भारतीय ईट रख शांति का संदेश भी दिया। अभी मंदिर बनाने का काम जारी है और कहा जा रहा है कि आम लोगों के लिए मंदिर को 05 अक्टूबर, 2022 से खोल दिया जाएगा। मंदिर बहुत बड़े वर्ग क्षेत्र में फैला है जिसमें हिंदू देवी-देवताओं के लगभग सभी प्रतीकों को रखा गया है। मंदिर में भगवान शिव का शिवलिंग और शिव परिवार की स्थापना की गई है। इसके अलावा भगवान विष्णु को भी स्थान मिला है।
Here’s an inside look at the new Hindu Temple & Guru Darbar located in Dubai’s Corridor of Tolerance in Jabel Ali❤️✨
Video via: @LotusBharat
#dubai #uae #hindutemple #jabelali pic.twitter.com/TU4Lj8cgmu
— Lovin Dubai | لوڤن دبي (@lovindubai) August 31, 2022
उत्तरी राजस्थान से लाए गए गुलाबी पत्थर से बना है मंदिर
मंदिर के एक सेक्शन में गुरुद्वारा भी बनाया गया है जिससे सभी समुदाय की भावनाओं का ध्यान रखा जा सकते।इस मंदिर को बनाने का काम साल 2018 में शुरू हुआ था। साल 2015 में पहली बार मंदिर के लिए जमीन दी गई थी और ये तब हुआ था जब पीएम मोदी ने यूएई का पहली बार दौरा किया था। इस जमीन को भारत और यूएई के रिश्तों की नींव माना जाता है। 2018 के बाद से लगातार मंदिर का काम चल रहा है। ये मंदिर उत्तरी राजस्थान से लाए गए गुलाबी पत्थर से बना है।