newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Video: रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का US को मुंहतोड़ जवाब, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह ने अमेरिकन एंकर की ऐसे की बोलती बंद

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रूख को लेकर पूरी दुनिया इसलिए जानने को आतुर रही कि जहां एक तरफ आधे से ज्यादा यूरोप यूक्रेन के पक्ष में खड़ा था, जिमसें भारत के भी कई मित्र राष्ट्र शामिल थे। उधर, भारत मानो किसी बीच भंवर में फंस गया, क्योंकि भारत के रूस के साथ रिश्ते बेहद ही प्रगाढ़ हैं। ऐसी स्थिति में पूरी दुनिया यह जानने के लिए बेताब रही कि भारत का क्या रूख रहता है?

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के दिनों की बात थी, जब पूरी दुनिया दो गुटों में बंट चुकी थी। जहां एक गुट रूस का सपोर्ट कर रहा था, तो वहीं दूसरा यूक्रेन का समर्थन कर रहा था, लेकिन भारत ने इस पूरे मामले में तटस्थ भूमिका बनाए रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मर्तबा वैश्विक मंच से शांति का आह्वान कर चुके थे। वे कई बार इस पर जोर दे चुके थे कि युद्ध किसी भी देश के लिए हितकर नहीं है। लिहाजा हमें स्थिति को दुरूस्त बनाने की दिशा में शांति पर जोर देना होगा, लेकिन दोनों में से किसी ने भी शांति की राह पर चलने का मन नहीं बनाया। उधर, रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रूख को लेकर पूरी दुनिया इसलिए जानने को आतुर रही कि जहां एक तरफ आधे से ज्यादा यूरोप यूक्रेन के पक्ष में खड़ा था, जिसमें भारत के भी कई मित्र राष्ट्र शामिल थे। उधर, भारत मानो किसी बीच भंवर में फंस गया, क्योंकि भारत के रूस के साथ रिश्ते बेहद ही प्रगाढ़ हैं। ऐसी स्थिति में पूरी दुनिया यह जानने के लिए बेताब रही कि भारत का क्या रूख रहता है? हालांकि, भारत कई बार रूस- यूक्रेन युद्ध के मसले को लेकर शांति की वकालत कर चुका है। उधर, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जारी युद्ध के दौरान भी भारत रूस से तेल खरीदता रहा। जिस पर कथित तौर पर कई यूरोपीय देशों ने भी आपत्ति जताई थी।

बता दें कि आज इसी मसले को लेकर अमेरिकी पत्रकार की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से सवाल किया गया। जिस पर उन्होंने जो जवाब दिया है, उसे लेकर हिंदुस्तान की राजनीति में चर्चागोशियों का बाजार गुलजार हो चुका है। दरअसल, अमेरिकी पत्रकार की ओर से हरदीप सिंह पुरी से सवाल किया गया था कि क्या भारत आज भी रूस से तेल खरीदने के लिए किसी के दबाव में है, तो इस पर मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वो किसी के भी दबाव में नहीं है। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जब भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा, तो यूरोपीय मीडिया में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो गया कि क्या भारत के ऊपर किसी का दबाव है। जिस हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उपभोक्ताओं के बीच पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रखें।

hardeep singh puri

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, ‘मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में रूस से तेल की खरीद 0.2 प्रतिशत थी ना कि 0.2 प्रतिशत। उन्होंने आगे कहा कि जितना तेल यूरोप खरीदता है, उसका एक चैथाई हिस्सा भी हम नहीं खरीद पा रहे हैं। हम एक्स या वाई से तेल नहीं खरीदते हैं, बल्कि जिसके पास तेल मौजूद है, उससे तेल खरीदते हैं। बहरहाल, अभी तेल मसले को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिकी पत्रकार को करारा जवाब दिया है, उसे लेकर चर्चागोशियों का बाजार गुलजार हो चुका है।