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Ukraine Crisis: मुश्किल वक्त लेकिन राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे कुछ भारतीय छात्र, सिंधिया ने दी नसीहत; लोगों ने भी दिखाया आईना

भारत सरकार की तरफ से यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी को ही सभी भारतीयों को पहली एडवाइजरी जारी कर दी थी कि बदलते हालात को देखते हुए वे जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ दें। इसके बाद भारत सरकार की तरफ से इस बारे में लगातार एडवायजरी जारी की जाती रही, लेकिन छात्रों ने यूक्रेन नहीं छोड़ा।

बुखारेस्ट। यूक्रेन से रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंची एक छात्रा को वहां गए मोदी के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को नसीहत देनी पड़ गई। वजह ये थी कि छात्रा अपने भाई की सुरक्षा के बारे में बात करते करते भारत सरकार की यूक्रेन नीति पर सवाल उठाने लगी थी। इस पर सिंधिया को उससे कहना पड़ा कि वो सबकी सुरक्षित वापसी के लिए आए हैं और उसकी दिक्कत भी दूर करना उनकी और पीएम नरेंद्र मोदी की जिम्मेदारी है। जिस छात्रा को सिंधिया ने नसीहत दी, उसका नाम विशाखा है। बुखारेस्ट हवाई अड्डे पर जब सिंधिया भारतीय छात्रों से बात कर रहे थे, तो इस छात्रा से भी वो मिले। छात्रा ने इस पर कहा कि उसका भाई खारकीव में फंसा है और वहां रूसी हमले में एक भारतीय छात्र के जान गंवाने से वो अपने भाई की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। इसके ठीक बाद ही विशाखा ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र में आखिर तटस्थ क्यों है ? इस पर सिंधिया ने कहा कि आप राजनीति में फिलहाल मत पड़ो। मुझे पीएम मोदी ने यहां आप सबकी सुरक्षित वापसी कराने के लिए भेजा है और ये काम मैं करूंगा।

बता दें कि इससे पहले यूक्रेन में खुद को भारतीय छात्रों की को-ऑर्डिनेटर बताने वाली पूजा प्रहराज ने भारत सरकार पर अपने देश के छात्रों को वक्त पर न निकालने का आरोप लगाया था। इस युवती ने ट्वीट किया था और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ट्वीट किया था। इस पर तमाम लोगों ने 15 फरवरी के उस ट्वीट को लेकर पूजा को आईना दिखाया, जिसे उसने री-ट्वीट किया था। इस ट्वीट में लिखा गया था कि यूक्रेन के लोग युद्ध से नहीं डर रहे हैं, क्योंकि वे भारतीय न्यूज चैनल नहीं देखते। इस ट्वीट को लोगों ने जब पूजा की टाइमलाइन पर शेयर कर नसीहत दी, तो उसने चुप्पी साध ली।

बता दें कि भारत सरकार की तरफ से यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी को ही सभी भारतीयों को पहली एडवाइजरी जारी कर दी थी कि बदलते हालात को देखते हुए वे जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ दें। इसके बाद भारत सरकार की तरफ से इस बारे में लगातार एडवायजरी जारी की जाती रही, लेकिन छात्रों ने यूक्रेन नहीं छोड़ा। यहां तक कि 20 फरवरी को कीव पहुंची एयर इंडिया की फ्लाइट खाली लौटी, क्योंकि किसी ने बुकिंग नहीं कराई थी। युद्ध भड़कने के बाद जब हायतौबा मची, तो मोदी सरकार ने सभी भारतीयों को मुफ्त में लाने के लिए एयर इंडिया और इंडिगो के विमान चार्टर किए। अब वायुसेना के विमानों को भी इस काम में लगाया जा रहा है।