इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पाकिस्तान की सेना के बीच और ठनती नजर आ रही है। पाकिस्तान की सेना ने इमरान पर हुई फायरिंग मामले में अपने किसी भी अफसर या जवान का हाथ न होने का दावा किया है। सेना ने कहा है कि वो अपनी इज्जत के लिए किसी भी फोरम में जा सकती है। पाकिस्तानी सेना ने सरकार से पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह भी किया है। सेना के इस बयान को पीएम शहबाज शरीफ के लिए भी एक चेतावनी माना जा सकता है। क्योंकि पाकिस्तान के वजूद में आने के बाद से ही तख्तापलट के जरिए सेना ज्यादातर समय सत्ता पर काबिज रही है। इमरान ने खुद पर हमले के मामले में सेना के मेजर जनरल फैसल, पीएम शहबाज शरीफ और गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह पर आरोप लगाया है।
उधर, राणा सनाउल्लाह ने इमरान पर हमले को ही फर्जी बता दिया है। राणा ने बयान जारी किया है कि इमरान को गोली लगी ही नहीं। उन्होंने कहा कि गोली लगने की बात फर्जी है। उन्होंने कहा कि इमरान के चोटिल होने की बात भी गलत है। सनाउल्लाह ने कहा है कि अब तक एफआईआर दर्ज हुई नहीं और जांच भी शुरू हो गई। आखिर ये किस तरह की जांच है? वहीं, पुलिस का कहना है कि जांच शुरू की गई और एफआईआर इसलिए नहीं हुई, क्योंकि किसी ने तहरीर नहीं दी थी।
बता दें कि नवीद नाम के युवक पर आरोप है कि उसने इमरान खान पर फायरिंग की। इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने बताया था कि इमरान के पैर में 4 गोलियां लगी थीं। गोलियां लगने से पैर की हड्डी भी टूटी थी। इमरान खान की सर्जरी भी हुई थी। नवीद ने कहा था कि वो इमरान खान के जनता को बरगलाने वाले बयानों और नमाज के वक्त लॉन्ग मार्च में गाने बजाए जाने से नाराज था। इमरान के बच जाने की खबर जानने के बाद उसने इस पर अफसोस भी जताया था कि पूर्व पीएम बच कैसे गए!