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Action: आतंकवाद रोकने में नाकाम पाक पर एक बार फिर कार्रवाई, UAE भी लपेटे में आया

FATF ने अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान को 34 में से 4 शर्तें पूरी न कर पाने के कारण जनवरी 2022 तक के लिए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था। तब FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ टेरर फाइनेंसिंग की जांच और सजा दिलवाने में लापरवाही बरती।

पेरिस। फ्रांस की राजधानी में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स FATF की सालाना बैठक के दौरान पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिल सकी। संगठन ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा है। शुक्रवार को बैठक के आखिरी दिन संगठन की ओर से ये एलान किया गया। पाकिस्तान अब इस साल जून तक ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। पाकिस्तान ने दरअसल, आतंकवाद और इसे मिल रहे पूंजीगत समर्थन के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की है। इसी वजह से वो जून 2018 से FATF की ग्रे लिस्ट में है। पाकिस्तान पर टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग कराने का आरोप है। इन संगीन आरोपों से पाकिस्तान निकल नहीं पा रहा है। वहीं, वैश्विक वित्तीय स्थिति पर नजर रखने वाले संगठन ने इस बार संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE को भी अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया है।

पाकिस्तानी अफसरों के मुताबिक उनका देश 2023 तक FATF की सभी शर्तों को पूरा कर देगा। FATF ने अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान को 34 में से 4 शर्तें पूरी न कर पाने के कारण जनवरी 2022 तक के लिए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था। तब FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ टेरर फाइनेंसिंग की जांच और सजा दिलवाने में लापरवाही बरती।

पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में FATF ने डाला था। अक्टूबर 2018, 2019, 2020, अप्रैल और अक्टूबर 2021 में इस लिस्ट की समीक्षा में भी पाकिस्तान को राहत नहीं मिल सकी थी, क्योंकि यह FATF की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेश और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिलती रही है और ये अब भी बदस्तूर जारी है। FATF की ब्लैक लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं। इन देशों को निवेश पाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने में परेशानी होती है।