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China Map Controversy: राहुल गांधी कह रहे हैं कि चीन ने भारत की जमीन कब्जा ली है, अब जान लीजिए हकीकत

China Map Controversy: साल 2010-12 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान भी चीन ने नक्शा जारी किया था। तब चीन ने पूर्वोत्तर के कई इलाकों को अपने नक्शे में दिखाया था। उस वक्त भी चीन अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने देश का हिस्सा बताया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने चीन के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई थी।

नई दिल्ली। गत दिनों चीन ने नक्शा जारी किया था, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने हिस्से में दिखाया था, जिसके बाद हिंदुस्तान में राजनीति गरम हो गई। कांग्रेस ने इस संदर्भ में केंद्र से जवाब मांगा। वैसे भी बीते दिनों राहुल गांधी ने लद्दाख दौरे के दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि यहां की जमीन चीन ने अपने कब्जे में ले रखी है, लेकिन केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। इस बीच चीन द्वारा नक्शा जारी किए जाने के बाद कांग्रेस का हमला केंद्र सरकार पर और तेज हो गया, लेकिन इस बीच एक ऐसी खबर सामने सामने आई है, जिसके बाद कांग्रेस खुद सवालों के घेरे में आ चुकी है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

China India
दरअसल, साल 2010-12 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान भी चीन ने नक्शा जारी किया था। तब चीन ने पूर्वोत्तर के कई इलाकों को अपने नक्शे में दिखाया था। उस वक्त भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने देश का हिस्सा बताया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने चीन के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई थी। अब ऐसे में यह सवाल मन में आना लाजिमी है कि आखिर कांग्रेस अब केंद्र की मोदी सरकार पर किस बिनाह पर सवाल उठा रही है। यही नहीं, नेहरू के कार्यकाल के दौरान भी चीन पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों पर अपना दावा ठोकता हुआ आया है, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने ड्रैगन के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की।

                               (2010-12 में चीन द्वारा जारी किया गया नक्शा)

जगजाहिर है कि चीन विस्तारवादी नीति पर चलने वाला देश है। वो भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण चीन सागर पर भी अपना दावा ठोकता है, जिसका फिलीपींस, मलेशिया और बुर्नेई जैसे देश विरोध करते हैं, क्योंकि दक्षिण चीन सागर व्यापार के दृष्टिकोण से काफी अहम है। यहां से अरबो रूपए का मुनाफा प्रतिमाह होता है। ऐसे में चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर पर दावा ठोकना लाजिमी है।

                                 (2010-12 में चीन द्वारा जारी किया गया नक्शा)

बता दें कि बीते दिनों चीन द्वारा जारी किए नक्शे पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि चीन की बातों को गंभीरता से ना लिया जाए। वो इससे पहले भी इस तरह के नक्शे जारी कर चुका है। इसके अलावा विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि अगर चीन द्वारा विस्तारवादी नीतियों के तहत कोई अनैतिक कदम उठाया गया, तो उसका भारत की ओर से विरोध किया जाएगा, लेकिन आपको बता दें कि इस पूरे मसले को लेकर अब भारत में राजनीति गरमा चुकी है। कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो चुकी है। ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।