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Russia Attacks Ukrain: जो अमेरिका और NATO नही कर सके वो पीएम मोदी ने कर दिखाया, रूस ने किया युद्धविराम का ऐलान, भारत ने की थी मांग

भारत ने वैसे आज खारकीव और पिसतोचिन से बसों के काफिले की व्यवस्था की थी और इसके जरिए अपने फंसे हुए सभी छात्रों और नागरिकों को निकालकर रूस तक पहुंचाने का फैसला किया था। रूस की ओर से साढ़े 5 घंटे तक युद्धविराम का एलान करने से भारत को भी अब इस काम में कामयाबी मिलने के पूरे आसार हैं।

मॉस्को/कीव। अमेरिका और नाटो जो न कर सके, वो काम पीएम नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है। रूस ने युद्ध के 10वें दिन आज यूक्रेन में साढ़े 5 घंटे के युद्धविराम का एलान किया है। रूस की सेना ने सभी देशों से कहा है कि इस दौरान सभी देश अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाल लें। इससे पहले रूस ने जंग को रोकने से साफ इनकार कर दिया था। रूस के युद्धविराम करने से भारत समेत अन्य देशों को अपने नागरिकों के लिए सेफ कॉरिडोर बनाने का मौका मिल जाएगा। भारत ने वैसे आज खारकीव और पिसतोचिन से बसों के काफिले की व्यवस्था की थी और इसके जरिए अपने फंसे हुए सभी छात्रों और नागरिकों को निकालकर रूस तक पहुंचाने का फैसला किया था। रूस की ओर से साढ़े 5 घंटे तक युद्धविराम का एलान करने से भारत को भी अब इस काम में कामयाबी मिलने के पूरे आसार हैं। भारत ने रूस से युद्धविराम का आग्रह किया था, ताकि सभी देश अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाल सकें।

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रूस ने युद्ध के 10 दिन में यूक्रेन पर रॉकेट, मिसाइल और गोलों की भरपूर मार की है। इससे यूक्रेन के तमाम शहरों में तबाही ही तबाही हुई है। मिसाइलों से दर्जनों बिल्डिंग ध्वस्त हो चुकी हैं। खासकर खारकीव, मेरियोपुल, ओडेसा में जमकर युद्ध हुआ है। खारकीव और राजधानी कीव पर अभी रूसी सेना कब्जा नहीं कर सकी है, लेकिन अमेरिका और नाटो देशों का कहना है कि जल्दी ही ये शहर रूस के कब्जे से बच नहीं सकेंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की हालांकि कह रहे हैं कि उनकी सेना ने 9000 रुसी सैनिकों को मार दिया है, लेकिन रूस का कहना है कि उसके 500 सैनिकों की ही जान गई है।

जेलिंस्की अब नाटो देशों पर भी नाराज हैं। दरअसल, जेलिंस्की ने कहा था कि नाटो देश यूक्रेन के आसमान में नो फ्लाई जोन घोषित करें, लेकिन नाटो या अमेरिका ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। नाटो और अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन में अगर नो फ्लाई जोन घोषित किया गया, तो अपने विमान वहां भेजने होंगे और इससे रूस के साथ युद्ध होने का खतरा है। इससे पूरे यूरोप की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।