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एस. जयशंकर ने दिया चीनी विदेश मंत्री को सख्त संदेश, कहा- ‘सीमा पर गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं’

ईस्टर्न लद्दाख(Laddakh) में एलएसी(LAC) को लेकर पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से चीन(China)के साथ गतिरोध जारी है। जून में दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय और कई चीनी सैनिक मारे गए थे।

नई दिल्ली। लद्दाख सीमा पर बने तनाव युक्त माहौल के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच मॉस्को में करीब 2 घंटे की लंबी बैठक चली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों देशों के बीच तनाव कम कैसे हो, इस बात पर चर्चा की। इस बैठक में भारत की तरफ से चीन को साफ संदेश दिया गया कि सीमा पर यथास्थिति में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

 

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बता दें कि सीमा पर बने हालात को लेकर जयशंकर ने वांग यी से साफ-साफ कहा कि सीमा से जुड़े सभी समझौतों का पूरी तरह पालन हो। बैठक में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए बयान जारी किया। अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि, ‘बैठक के दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर वर्तमान स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। साथ ही दोनों देशों के जवानों के बीच बातचीत जारी रखने, तुरंत पीछे हटने और तनाव कम करने को लेकर सहमति बनी।’

Wang Yi S Jaishankar

बैठक के बारे में आगे जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारतीय और चीनी विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को सभी समझौतों और प्रोटोकॉल्स का पालन करना चाहिए। क्षेत्र में शांति पर बरकरार रखने और तनाव बढ़ाने वाले कदम उठाने से बचना होगा।’ विदेश मंत्रालय ने बताया कि मॉस्को में हुई इस बैठक में स्पेशल रिप्रजेंटेटिव मेकनिजम के जरिए बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी है। भारत-चीन के सीमा के मुद्दे पर वर्किंग मेकनिजम फॉर कंस्लटेशन ऐंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) की बैठकें जारी रहेगी।

सूत्रों के अनुसार बैठक में चीनी विदेश मंत्री को भारत की तरफ से यह बताया गया कि भारतीय जवानों ने तनाव दौरान भी सीमा से जुड़े सभी समझौतों का पालन किया है। इस द्विपक्षीय बातचीत में भारतीय पक्ष ने एलएसी के पास भारी संख्या में चीनी सैनिक और उपकरणों की तैनाती पर सवाल उठाए। भारत की ओर से कहा गया कि ऐसे कदम साल 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन हैं। चीनी पक्ष भारत की इस आपत्ति का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया।

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दरअसल ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी को लेकर पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से चीन के साथ गतिरोध जारी है। जून में दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय और कई चीनी सैनिक मारे गए थे। इस झड़प के बाद से ही लगातार दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने को लेकर बातचीत जारी है। हालांकि इस बातचीत के बावजूद इस सीमा विवाद को कोई हल नहीं निकला है।