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अब छुट्टी पर इमरान…शहबाज शरीफ के हाथ आई पाकिस्तान की कमान…ली प्रधानमंत्री पद की शपथ

पाकिस्तान  के लोकतांत्रिक इतिहास में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है और इस रीत को इमरान ने भी आगे बढ़ाया है। बीते दिनों विपक्षी दलों ने एकजुट होकर महंगाई, भ्रष्टाचारा समेत अन्य मसलों का हवाला देकर इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही वे संसद से  रूखसत हो गए।

नई दिल्ली। तो आखिरकार वो लम्हा आ ही गया जिसका हम सभी को बेसब्री से इंतजार था। इमरान खान अब लंबी छुट्टी पर जा चुके हैं। शहबाज शरीफ के  हाथ पाकिस्तान की कमान आ चुकी है। उन्होंने आज यानी की सोमवार को विधिवत रूप से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। ध्यान रहे कि आज ही नेशनल अंसेबली में वोटिंग के दौरान विपक्षी दलों उनके पक्ष में 174 वोटों की बारिश कर उन्हें वजीर-ए-आजम की कुर्सी पर आसीन करने को लेकर अपनी सहमति व्यक्त की है। बता दें कि पाकिस्तान  के लोकतांत्रिक इतिहास में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है और इस रीत को इमरान ने भी आगे बढ़ाया है। बीते दिनों विपक्षी दलों ने एकजुट होकर महंगाई, भ्रष्टाचारा समेत अन्य मसलों का हवाला देकर इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही वे संसद से  रूखसत हो गए।

बता दें कि बीते दिनों पाकिस्तान में मचे सियासी बवाल के बीच इमरान खान ने अपनी कुर्सी बचाने की पुरजोर कोशिश की थी, लेकिन अफसोस उन्हें इसमें रत्ती भर भी कामयाबी नहीं मिली थी। उन्होंने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी साजिश तक करार दे दिया था और इसे अमेरिका द्वारा रचाया गया षडयंत्र तक बता दिया था।  जिस पर बाद में अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पाकिस्तान में जारी राजनीतिक उथल-पुथल पर अमेरिका का कोई हाथ नहीं है। बहरहाल, अब शहबाज शरीफ विधिवत रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन चुके हैं।

कश्मीर मुद्दे पर पाक पीेएम शहबाज शरीफ ने मोदी को क्या संदेश दिया है? -  pakistan shehbaz sharif modi kashmir statement ntc - AajTak

अब ऐसे में उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान की दशा व दिशा कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान के साझा हितों को प्रवाहित करने के वाले मसलों पर उनका क्या रुख रहता है। इस यह देखना भी दिलचस्प रहेगा। ध्यान रहे कि इससे पहले शहबाज कश्मीर को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हम भारत के साथ मधुर चाहते हैं, लेकिन कश्मीर पर शांतिपूर्ण समाधान के बिना यह संभव नहीं है। अब ऐसे में यह समझना मुश्किल  है कि आखिर वे कश्मीर को लेकर किस समाधान की बात कर रहे हैं। अब यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।