नई दिल्ली। इधर ना ही इजराइल और हमास के बीच युद्ध थमने का नाम ले रहा है और ना ही उधर इस पर जारी सियासी प्रतिक्रिया। कोई खुलकर इजराइल का समर्थन कर रहा है, तो कोई फिलिस्तीन का। कोई इजराइल को दोषी बता रहा है, तो कोई फिलिस्तीन को। अब कौन दोषी है, तो कौन बेगुनाह? इस पर तो सबकी अपनी-अपनी मुख्तलिफ राय है, लेकिन एक बात साफ है कि मौजूदा वक्त में दोनों ही मुल्क युद्ध की भयावह विभीषिका झेल रहे हैं, जिससे उबरने में उन्हें वर्षों लग जाएंगे।
खैर, आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल-हमास युद्ध पर एक ऐसा बयान दिया, जिसके बाद विश्व समुदाय में चर्चा का बाजार गुलजार है। दरअसल, बाइडेन ने इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध के पीछे की वजह की भारत-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर को बताया है। जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के कार्यों में बाधा पहुंचाने के लिए इजराइल पर हमला करवाया गया है।
आपको बता दें कि भारत-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर का मार्ग मुंबई से सऊदी अरब, यूएई और इजरायल होते हुए यूरोप तक बनाने का ऐलान गत दिनों नई दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन में किया गया था, लेकिन इससे पहले कि इस ऐलान को जमीन पर उतारा जाता। इजराइल पर हमला करवाकर सबकुछ चौपट कर दिया गया। ध्यान दें, यह कॉरिडोर चीन के वन बेल्ड वन रोड इनिशिएटव का भी जवाब था, जिसे जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसी आशंका दूसरी मर्तबा जताई है।
बता दें कि बीते 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजराइल पर हमला किया था, जिसकी जद में आकर इजराइल में हजारों लोगों की मौत हो गई। इसके बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी कर कहा कि दुश्मन मुल्क को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। हमास के इस हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा पर हमला किया था, जिसकी जद में आकर कई फिलिस्तीनी मारे गए। इजराइल द्वारा गाजा पर किए इस एयरस्ट्राइक के बाद अरब समुदाय इजराइल के खिलाफ खड़ा हो गया। हालांकि, अमेरिका, भारत सहित पूरा यूरोपीय खेमा इजराइल के समर्थन में है। दोनों देशों के बीच यह युद्ध अभी तक जारी है। ऐसे में आगामी दिनों में इजराइली प्रधानमंत्री क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
क्या है भारत यूरोप आर्थिक कॉरिडोर
भारत यूरोप-आर्थिक कॉरिडोर को मूर्त रूप देने का फैसला गत दिनों नई दिल्ली में आयोजित जी -20 सम्मेलन में किया गया। यह परियोजना वैश्विक अवसंरचना और निवेश साझेदारी (PGII) का हिस्सा है। PGII निम्न और मध्यम आय वाले देशों की विशाल बुनियादी ढाँचे की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये एक मूल्य-संचालित, उच्च-प्रभावी तथा पारदर्शी बुनियादी ढाँचा साझेदारी है। इस परियोजना पर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्राँस और जर्मनी जैसे देशों ने हिस्सा लिया है।