नई दिल्ली। अपनी ताकत को हथियार बनाकर अफगानिस्तान में सरकार को बेदखल खुद की सरकार स्थापित करने वाला तालिबान परेशान है। कारण देश को चलाने के लिए संसाधनों और पैसे की काफी कमी है, जिसके आगे तालिबान घूटने टेकने को मजबूर है। अब धीरे-धीरे ठंड अपने पैर पसार रही है ऐसे में पहले से ही बेहाल अफगानिस्तान की परेशानी और बढ़ती जा रही है। दरअसल, अफगानिस्तान में काफी तेज सर्दी पड़ती है। कई इलाकों में तो तापमान माइनस डिग्री से भी कम में चला जाता है। वर्तमान में तालिबान के पास देश को चलाने के लिए न तो संसाधन हैं और न ही पैसे। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान की संपत्ति रोकी हुई है। ऐसे में अब तालिबान के पास हाथ फैलाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। तालिबान के आगे कई महीनों तक चलने वाली सर्दियों के मौसम में जनता को सुरक्षित रखने की चुनौती है। इसके साथ ही लोगों के पास न ही खाना है और न ही कपड़े। ऐसे में अब तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
सुहैल शाहीन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद की अपील
सर्दियों का हवाला देते हुए तालिबान के प्रवक्ता और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि (नामित) सुहैल शाहीन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से जल्द आर्थिक मदद की अपील की है। सुहैल शाहीन ने ट्वीट कर कहा, “सर्दियां नजदीक हैं, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तत्काल आधार पर अफगानिस्तान के लिए आभासी जी 20 शिखर सम्मेलन में सभी गरीबों, कमजोरों के लिए हाल ही में घोषित लगभग एक बिलियन यूरो (लगभग 1.2 बिलियन डॉलर) के सहायता पैकेज के तत्काल वितरण की जरूरत है।”
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The winter is around the corner, so immediate need for the International Community to disburse on urgent basis the recently announced nearly one-billion-euro (some $1.2-billion) aid package pledged at a virtual G20 summit for Afghanistan , to all poor, vulnerable— Suhail Shaheen. محمد سهیل شاهین (@suhailshaheen1) October 29, 2021
हम जमीनी स्तर पर सहयोग के लिए तैयार- तालिबान
इसके आगे तालिबान ने कहा, “इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान सरकार एजेंसी और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से जमीनी स्तर पर पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है। शाहीन ने कहा, मानवीय सहायता आसन्न प्रवास, अकाल और मानवीय संकट के प्रति हमारी साझा और पारस्परिक जिम्मेदारी को समाप्त नहीं करेगी।” सुहैल शाहीन ने कहा, “हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगान लोगों की लगभग 10 बिलियन डॉलर की संपत्ति को रिलीज करने और जिनेवा सम्मेलन 2020 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा अफगानिस्तान को दी गई विकास सहायता और परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए अफगानिस्तान का समर्थन करने की अपील करते हैं।”
अफगानिस्तान की संपत्ति पर तालिबान की पहुंच नहीं
अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में अमेरिका ने लगभग 146 बिलियन डॉलर खर्च किया था। इस खर्च में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और समर्थन पर 89 बिलियन डॉलर शामिल है। लेकिन जब 15 अगस्त को तालिबान ने शक्ति के दम पर दोबारा अफगानिस्तान पर काबुल पर कब्जा किया तो बाद अमेरिका समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय जिनमें वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ भी शामिल हैं उन्होंने अफगानिस्तान के 9.5 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति और लोन पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी। मदद पर लगी रोक के बाद से ही तालिबान अपने हाथ पैर मार रहा है लेकिन उसे कहीं से भी सहायता नहीं मिल पा रही है।