newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

FSSAI Action: एफएसएसएआई का बड़ा आदेश, पूरे देश में मसालों और बेबी फूड की होगी जांच

FSSAI Action: हाल ही में सिंगापुर और हांगकांग ने कहा था कि उनको एवरेस्ट के फिश करी मसाले में एथेलीन ऑक्साइड और एमडीएच मसाले के सैंपल में पेस्टिसाइड मिले। जबकि, एक स्विस जांच संस्थान ने बताया था कि नेस्ले के सेरेलेक बेबी फूड में चीनी मिली हुई है। इन आरोपों के बाद ही जांच का फैसला हुआ है।

नई दिल्ली। एफएएसएआई यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बड़ा आदेश दिया है। एफएसएसएआई ने पूरे देश में बेबी फूड और मसालों की जांच का ये आदेश दिया है। देशभर में सभी ब्रांड के बेबी फूड और मसालों की जांच की जाएगी। हाल ही में सिंगापुर और हांगकांग ने कहा था कि उनको एवरेस्ट के फिश करी मसाले में एथेलीन ऑक्साइड और एमडीएच मसाले के सैंपल में पेस्टिसाइड मिले। सिंगापुर ने इन कंपनियों के मसालों पर बैन लगा दिया था। वहीं, नेस्ले के बेबी फूड में चीन होने की बात सामने आई थी।

इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद एफएसएसएआई ने मसालों और बेबी फूड की जांच कराने का फैसला किया। एफएसएसएआई ने स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया को भी मसालों के संबंध में अलर्ट किया है। अंग्रेजी बिजेनस अखबार लाइव मिंट ने एक अफसर के हवाले से बताया है कि देशभर में सभी फूड कमिश्नर को मसालों और बेबी फूड के सैंपल लेकर जांच करने को कहा गया है। ये सैंपल मसाले और बेबी फूड बनाने वाली कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से लेने के आदेश हैं। सैंपल लेने के बाद जांच के लिए एफएसएसएआई के लैब भेजा जाएगा। जांच में करीब 20 दिन का वक्त लगेगा। अफसर के हवाले से अखबार ने बताया है कि अगर सैंपल में गड़बड़ी मिली, तो इन ब्रांड्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

सिंगापुर फूड एजेंसी ने कहा था कि वो एथेलीन ऑक्साइड पाए जाने पर एवरेस्ट के फिश करी मसाले पर रोक लगा रहा है। सिंगापुर की एजेंसी ने अपने यहां सभी लोगों से इस मसाले का इस्तेमाल न करने के लिए कहा है। एथेलीन ऑक्साइड से स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। वहीं, हांगकांग में सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने 5 अप्रैल को एवरेस्ट के 1 और एमडीएच के 3 मसालों सांभर मसाला पाउडर, करी पाउडर मिक्स्ड मसाला पाउडर और मद्रास करी पाउडर पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, नेस्ले के बेबी फूड सेरेलेक में चीनी होने का दावा स्विटजरलैंड की जांच संस्था पब्लिक आई ने किया था। संस्था ने बताया था कि भारत में नेस्ले बेबी फूड में चीनी मिलाकर बेच रही है। हर बार बच्चे को सेरेलेक खिलाने पर उसे 3 ग्राम चीनी मिल रही है। एफएसएसएआई ने इस पर सेरेलेक के नमूने भी लिए थे। फिर भी अब सभी बेबी फूड की जांच का फैसला हुआ है।