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इंदिरा एकादशी 2020 : जानें पितृपक्ष में क्या है इसका विशेष महत्व

पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के समय पित्तरों (Pitra) को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे में इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) का व्रत विशेष महत्व है।

नई दिल्ली। पितृ पक्ष (Pitru Paksha) शुरू हुए आज यानी शुक्रवार को 11 दिन हो गए। इस साल 01 सितंबर 2020, मंगलवार से प्रारंभ हुए। यह समय पित्तरों (Pitra) को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे में इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) का व्रत विशेष महत्व है। पित्तरों को प्रसन्न करने के लिए ये व्रत बहुत जरूरी है। तो आज हम आपको इसका शुभ मुहूर्त और महत्व बतायंगे।

महत्व

अश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। इस व्रत का विशेष महत्व है। इंदिरा एकादशी को पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी माना जाता है। मान्यता है कि यदि किसी वजह से पितरों को कष्ट उठाने पड़ रहे हों तो इस व्रत के प्रभाव से उनके कष्ट दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इंदिरा एकादशी चातुर्मास और पितृ पक्ष में आती है। इसलिए इसे श्राद्ध एकादशी भी कहा जाता है। इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्री हरि विष्णु के साथ पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है। इस साल इंदिरा एकादशी 13 सितंबर को है।

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शुभ मुहूर्त

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ​तिथि का प्रारंभ 12 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 13 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में इंदिरा एकादशी का व्रत 13 सितंबर रविवार को रखा जाएगा।

पारण का समय

इंदिरा एकादशी व्रत करने वाले लोगों को 14 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 38 मिनट के बीच पारण कर व्रत को पूर्ण करना चाहिए।