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Vastu Tips : जानिए किन वास्तु उपायों को अपनाकर मिल सकती है कर्ज से मुक्ति

Vastu Tips : कर्ज (Debt) या ऋण लेना (Taking loan) तथा कर्ज देना (To lend) दोनों आज के परिप्रेक्ष में जरुरी है। ऐसा बहुत कम ही व्यक्ति होगा जिसने अपने जीवन काल में कर्ज नहीं लिया हो। हम आपको कुछ वास्तु उपाय बताएंगे जिससे कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।

नई दिल्ली। कर्ज (Debt) या ऋण लेना (Taking loan) तथा कर्ज देना (To lend) दोनों आज के परिप्रेक्ष में जरुरी है। ऐसा बहुत कम ही व्यक्ति होगा जिसने अपने जीवन काल में कर्ज नहीं लिया हो। वर्तमान समय में तो हम जो भी कार्य करते है बैंक से ऋण लेकर ही करते है क्योकि यदि आपके पास पैसा है और आप पूरा पैसा देकर गाड़ी या मकान खरीद लेते है तो इनकम टैक्स का नोटिस आ जाएगा की आपके पास इतना पैसा कहा से आया इसका पूरा ब्योरा दे। कर्ज लेने का सीधा संबंध व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से होता है। सामान्यतः वही व्यक्ति कर्ज लेता है जिसकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होती है। व्यक्ति हिम्मत दिखाकर कर्ज लेता है और कोई नया कार्य करता है। कई बार तो किसी गंभीर बिमारी के कारण इतना खर्च करना पड़ता है कि कर्ज लेना पड़ता है।

अब प्रश्न उत्पन्न होता है व्यक्ति कर्ज-ऋण तो लेता है परन्तु उसे उसे लौटा नही पाता है तथा उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते खत्म हो जाती है। व्यक्ति कई बार कोशिश करता है कि किसी भी तरह से ऋण चुका दूं लेकिन परिस्थिति ऐसी नही बन पाती की कर्ज चुका दें। मनुष्य के पास एक के बाद एक परेशानी आती रहती है और कर्ज के जाल व्यक्ति फसता चला जाता है। वास्तु सिद्धान्तों के अनुरूप यदि आपका मकान या दुकान नहीं है तो निश्चित ही आपके लिए कर्ज वा ऋण से मुक्ति पाना कठिन होगा अतः वास्तु से जुड़े सुझाव पर ध्यान दें तो निश्चित ही कर्ज से मुक्ति पाया जा सकता हैं। वास्तु से जुड़े निम्न तथ्यों पर ध्यान देने से कर्ज/ऋण से छुटकारा पाने में आपको निश्चित ही सहायता मिलेगा। आइये जानते है वह कौन सा वास्तु सूत्र है जिसकी सहायता से कर्ज से मुक्ति मिलेगी।

वास्तु उपाय दिलाएगा कर्ज से मुक्ति

कर्ज/ऋण के बोझ से बचने के लिए आपके मकान का दक्षिण दिशा का दीवार उत्तर दिशा के दीवार से उच्चा होना चाहिए अर्थात दक्षिण दिशा का दीवार हमेशा ही उच्चा तथा उत्तर का दीवार नीचा होना चाहिए। यदि किसी कारण से आपका मकान ऐसा नही है तो आपके घर पैसा तो आएगा परंतु पैसा बच नही पायेगा और ऋण की अदायगी हो नहीं पाएगी। यदि उत्तर दिशा में ऊंची दीवार बनी है तो उसे छोटा करके दक्षिण में ऊंची दीवार बना दें।

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उत्तर तथा पूर्व दिशा की ओर ढलान जितनी ज्यादा होगी आपकी संपत्ति में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी। यदि कर्ज से अत्यधिक परेशान हैं तो ढलान ईशान दिशा की ओर करा दें, कर्ज से मुक्ति मिलेगी। यदि आपके मकान के दक्षिण-पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में भूमिगत टैंक, कुआँ या नल है तो धन हानि होगी ही होगी। यदि घर मे उपर्युक्त स्थिति है तो यह आपके लिए गरीबी का सूचक है तुरन्त ही इसे हटा देना चाहिए और इसके इसके स्थान पर उत्तर-पूर्व भाग में भूमिगत टैंक या टंकी बनवा देना चाहिए। भूमिगत टैंक कम से कम 2 से 3 फीट तक गहरा होना चाहिए। दो भवनों के बीच घिरा हुआ भवन या भारी भवनों के बीच दबा हुआ भूखण्ड खरीदने से बचें क्योंकि दबा हुआ भूखंड गरीबी एवं कर्ज का सूचक है। पूर्व तथा उत्तर दिशा हमेशा हल्का होना चाहिए अर्थात भूलकर भी भारी वस्तु इस दिशा में न रखें अन्यथा कर्ज, हानि व घाटे का सामना करना ही पड़ेगा इसमें कोई संदेह नहीं है।

आपके मकान का ब्रह्म स्थान अर्थात मध्य भाग बिल्कुल ही खाली होने चाहिए तथा इस स्थान पर कोई भी भारी वस्तु न रखे और न ही अंडर ग्राउंड टैंक आदि बनवाएं यदि ऐसा करते है तो कभी भी आपको कर्ज से मुक्ति नही मिलेगी। ब्रह्म स्थान को बिल्कुल साफ सुथरा रखे कोई भी कचरा यहां पर नही रहने दें। इस स्थान को हमेशा थोड़ा उच्चा रखे। इस स्थान तुलसी का पौधा लगा सकते है तो लगा देना चाहिए। मकान का उत्तर व दक्षिण की दीवार बिलकुल सीधी होनी चाहिए। कोई भी कोना कटा हुआ न हो, न ही कम होना चाहिए। यदि दर्पण दक्षिण वा पश्चिम दिशा में स्थित है तो यह स्थिति कर्ज का सूचक है अतः दर्पण उत्तर या पूर्व की दीवार पर या उत्तर-पूर्व दिशा के दीवार पर लगा देना चाहिए दर्पण की यह स्थिति समृद्धि तथा मान सम्मांन का सूचक है। दर्पण जितना स्वच्छ, हल्का तथा बड़े आकार का होगा, उतना ही लाभदायक होगा इससे आपके व्यापार में वृद्धि होगी और कर्ज खत्म हो जाएगा। घर के दरवाजे उत्तर-पूर्व दिशा में होने से मानसिक शांति तथा व्यापार में वृद्धि होती है।

मकान की सीढ़ियां कभी भी पूर्व या उत्तर की दीवार से सटाकर न बनाएं। सीढ़ियां दक्षिण तथा पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए। सीढ़ी हमेशा क्लाक वाइज दिशा में ही बढ़ाना चाहिए। सीढ़ी की पहली पेड़ी मुख्य द्वार से दिखाई नहीं देनी चाहिए यदि दिखाई देता है तो धन हानि का सूचक है। यदि उत्तर या पूर्व दिशा की ओर कोई भी खिड़कियां नही है तो यह स्थिति कर्ज का सूचक है अतः इस स्थान पर अवश्य ही खिड़की बनवा लें तथा कोशिश करे की यह खिड़की खुला रहे। पूजा घर ईशान कोण, उत्तर या पूर्व दिशा में ही बनाना चाहिए। पूजा घर के अग्निकोण में धुप दीप जलाना चाहिए। यदि आपका मंदिर लकड़ी का है तो इसे घर की दीवार से सटाकर न रखें। घर में टूटी हुई खाट, टूटे बर्तन नहीं रखे तथा न न ही टूटे-फूटे बर्तनों में भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से कर्ज बढ़ता है। यदि आपके मुख्य द्वार या भवन के सामने कोई पेड़, टेलीफोन, बिजली का खम्भा है या उसकी परछाई पर रही है तो इसे शीघ्र ही दूर कर दें कोई मकान या दूकान के सामने यह स्थिति घर में लक्ष्मी को आने नही देता है।