नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कहा जाता है, इस व्रत को रखने वालों के जीवन में सुख समृद्धि आती है। एकादशी के व्रत को सबसे कठिन भी माना जाता है। इसे ‘विजया एकादशी’ के व्रत के नाम से भी जानते हैं। आइये जानते हैं, भगवान विष्णु को समर्पित विजया एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका शुभ मुहूर्त और महत्व…
विजया एकादशी व्रत की तिथि?
हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार 27 फरवरी 2022, रविवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे विजया एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की अराधना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। शत्रुओं पर विजय हासिल होती है और मोक्ष प्राप्त होता है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी की तिथि का प्रारंभ शनिवार, 26 फरवरी 2022 को सुबह 10 बजकर 39 मिनट से होगा, जो अगले दिन यानी 27 फरवरी 2022, रविवार की सुबह 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
विजया एकादशी पर बनने वाले शुभ संयोग
विजया एकादशी तिथि पर दो महत्वपूर्ण संयोग बन रहे हैं, जिसमें से एक ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ और दूसरा ‘त्रिपुष्कर योग’ बन रहा है। विजया एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12.11 से दोपहर 12.57 मिनट तक रहेगा।
विजया एकादशी व्रत कथा
ऐसा माना जाता है कि राम के वनवास के दौरान जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था, तब चिंतित श्रीराम और उनके अनुज लक्ष्मण को ऋषि-मुनियों ने विजया एकादशी का व्रत करने सलाह दी। साथ ही इस व्रत का महत्व भी बताया कि किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि के लिए इस व्रत को करने का विधान है। ऋषि-मुनियों की सलाह मानकर भगवान राम ने समुद्र तट पर एकादशी का व्रत रखा और पूजा की थी, तबसे विजया एकादशी का पर्व मनाया जाने लगा।