इस पुस्तक में चीन को लेकर पाठकों के ज्ञानचक्षुओं को आश्चर्यचकित रूप से खोलने वाले और अनेकों मिथकों को तोड़ने वाले 22 छोटे छोटे अध्याय हैं। किसी भी पुस्तक का प्राक्कथन अथवा आमुख पढ़ना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बहुत से पाठक कई बार प्राक्कथन नहीं पढ़ते हैं। ऐसी गलती या महाभूल इस पुस्तक के साथ मत करियेगा; ऐसी विनम्र प्रार्थना पाठकों से है।
Himachal Pradesh: कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने बताया था कि पहाड़ी राज्य हिमाचल पर लगभग 76 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। लेकिन वास्तविकता कुछ ऐसी है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के गले की फास बन रही हैं उनकी चुनावी 'फ्री' घोषणाएं, कर्मचारियों का मासिक वेतन, पेंशन आदि। विकास के कार्य अभी ठंडे बस्ते में हैं।
Adipurush Controversy: प्रथम दृष्टया मंडल साहब की शुरुआत प्रभावी दिखती है। लेकिन यदि उनके लेख का शीर्षक ध्यान से पढ़ें और फिर इन पंक्तियों को पढ़ें तब मंडल साहब अपनी ही बातों का खंडन करते प्रतीत होते हैं। वो कैसे? आईये देखते हैं- मंडल साहब के लेख का शीर्षक है।
पुस्तक के अंत में लेखक ने एक पृष्ठ भविष्य के खेल के बारे में लिखा है जो पाठक को बड़े ही ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि भारत को घाव देने का पाकिस्तानी और आईएसआई का खेल अभी भी सतत चल रहा है। भारत में अभी भी पाकिस्तान के पाकिस्तान के गुर्गे हर जगह हैं। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे आये दिन सोशल मीडिया पर गूंजते रहते हैं।
पुस्तक का पांचवां अध्याय पाठक को संघ के विचार और व्यवहार के बारे में बताता है, इस अध्याय में ‘संघ और दलित’ विषय पर भी प्रकाश डाला गया है। पुस्तक का अंतिम अध्याय बड़ा रोचक है जो आपको बताएगा वास्तव में ‘संघ परिवार’ है क्या?
Book Review: यह पुस्तक हिन्दुओं को क्यों पढ़नी चाहिए लेखक की इस पंक्ति से पता चला जाता है। पुस्तक का प्राक्कथन कितना जबरदस्त है इसका प्रमाण पाठक को इस पंक्ति से मिल जाएगा,”कौन लोग थे, जो राज्य व्यवस्था में बैठे इन मक्कार वामपंथियों के सहायक थे
महाभारत के बारे में तो कहा गया है कि जो इसमें नहीं है, वह कहीं नहीं है। महाभारत का अमूल्य ज्ञान अपार है। विद्वान लोग अपने-अपने हिसाब से इस महाकाव्य की घटनाओं अथवा ज्ञान को प्रस्तुत करते रहते हैं। ऐसा ही एक उत्कृष्ट प्रयास किया है संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्वान एवं लेखक नित्यानंद मिश्र ने। ब्लूम्सबरी इंडिया से प्रकाशित उनकी पुस्तक 'व्यास कथा महाभारत की नीतिकथाएं' महाभारत के व्यवहारिक, राजनैतिक ज्ञान, नैतिक मूल्यों, वैश्विक सत्यों, और दर्शन पर आधारित चुनिंदा इक्यावन नीतिकथाओं का संकलन है।
National Science Day 2022: सुप्रसिद्ध लेखक मनोज सिंह अपनी पुस्तक Sanatan dharma vaidik gateway to the next century (Bloomsbury India) में स्टीफन हाकिंग से कुछ प्रश्न पूछते हैं जिनपर आज विचार करना आवश्यक है।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा यूनेस्कोद्वारा वर्ष 1999 में की गई थी और वर्ष 2000 में पहली बार 21 फरवरी के दिन को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” के रूप में मनाया गया था। यूनेस्को के अनुसार भाषा और बहुभाषावाद समावेश को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
लगभग 1100 मस्जिदों में से प्रत्येक के लाउडस्पीकर पर इन फरमानों से उन्मादी इस्लामिक भीड़ को जिहाद में शामिल होने का आह्वान किया गया। अपने बच्चों और बुजुर्गों सहित सभी पुरुष मुसलमान इस जिहाद में हिस्सा लेने के लिए मचले जा रहे थे।