कैपिटल इंडिया कॉर्प के चेयरमैन एस के नरवर ने पीएम मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ रणनीति को लेकर कहा कि इस तरह की रणनीति से भारत एक आर्थिक महाशक्ति के रुप में उभरेगा। पढ़िए एस के नरवर ने लॉकडाउन, पीएम मोदी की वोकल फॉर लोकल’ रणनीति और आर्थिक क्षेत्र में आई सुस्ती पर किए गए सवालों पर क्या कहा..
लॉकडाउन खत्म होने के बाद अब हम सामान्य जनजीवन की तरफ लौट रहे हैं…आप इसे कैसे देखते हैं?
लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर आना एक सकारात्मक कदम है। इससे ना केवल सभी क्षेत्रों में गति आएगी बल्कि आर्थिक क्षेत्र में आई सुस्ती का तेजी से अंत होगा। यह देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है। हालांकि लॉकडाउन खत्म होने से हमारी चिंताएं खत्म नहीं हुई हैं, बल्कि कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग को और मजबूती से लड़ने की जरुरत है। यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति जिम्मेदारी से कोविड-19 से बचने के लिए सावधानियों का पालन करे, मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल रखे।
कोरोना वायरस ने आम जनजीवन को पटरी से उतार दिया है, कॉरपोरेट जगत इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अपने आपको कैसे तैयार कर रहा है ?
पोस्ट-कोविड दौर में कंपनियों के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसे विकट समय में कॉरपोरेट जगत को अपने आप को कई स्तर पर तैयार करना होगा, लेकिन कोरोना की रोकथाम सबके लिए एक बड़ी प्राथमिकता रहेगी। कंपनियों को अपने दीर्घकालिक लक्ष्य को ध्यान में रखकर रणनीति तैयार करनी होगी ताकि ना केवल इस मुश्किल दौर से बाहर निकलें बल्कि भविष्य के लिए भी एक मजबूत बेस तैयार हो। कोरोना से बचाव के लिए हर कदम उठाने होंगे, सतर्कता और चौकसी में कोई कमी नहीं आनी चाहिए बल्कि ज्यादा जागरुक रहने की जरुरत है। जिन दफ्तरों में ‘वर्क फ्राम होम’ से काम हो रहा है , उन्हें उस प्रारुप को बरकरार रखना चाहिए। साथ ही टेक्नोलॉजी का भरपूर दोहन करना होगा ताकि इस महामारी के खिलाफ जंग को हम और मजबूत कर सकें।
कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में आप मोदी सरकार की भूमिका को कैसे देखते हैं ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने इस वैश्विक महामारी के खिलाफ एक अभूतपूर्व जंग लड़ी है। शुरुआत में ही उठाए गए मजबूत कदमों से इस महामारी पर लगाम लगाने में काफी सफलता मिली है। यही कारण है कि आज भारत में कोविड से मौतों की संख्या बाकी देशों की तुलना में बहुत कम है। साथ ही भारत सरकार की विदेशों में रह रहे अपने नागरिकों के लिए प्रतिबद्धता देखने को मिली। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश एकजुट होकर इस महामारी से लड़ रहा है, मास्क और पीपीई किट बनाने में नागरिकों की भागीदारी काबिले तारिफ है। आज पूरा विश्व कोविड-19 के खिलाफ भारत के मुहिम की तारीफ कर रहा है। WHO जैसी संस्था ने मुखर होकर भारत सरकार द्वारा शुरुआत में उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत दूसरे देशों के लिए एक उदाहरण बनकर उभरा है। जब पूरा विश्व कोविड-19 से जूझ रहा है, तो डॉ हर्षवर्धन का WHO एक्जेक्यूटिव बोर्ड का अध्यक्ष बनना देश के लिए गर्व की बात है।
देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ का आह्वान किया था, इसपर आपके क्या विचार हैं ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ रणनीति, घरेलू उत्पाद को बढ़ाने में रामबाण साबित होगी। यदि हम मजबूती और दृढ़ता से इस नीति का पालन करते हैं तो इसमें कोई दो मत नहीं कि जल्द ही भारत एक महाशक्ति के रुप में उभरेगा। यह कदम देश के लघु और मध्यम इकाइयों में नई जान फूंकेगा, जिसका सीधा असर देश के घरेलू उत्पाद और अर्थव्यस्था में दिखेगा। हमारे गांव और छोटे शहरों में जो क्षमता छिपी हुई है और जिससे हम अबतक अनभिज्ञ हैं, वह भी देश के विकास में एक अभिन्न हिस्सा बनेगी। प्रधानमंत्री मोदी के इस स्लोगन के लिए मैं उन्हें बधाई देना चाहूंगा क्योंकि यह लोकल इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अप्रत्याशित और अभूतपूर्व कदम है। मैं निकट भविष्य में भारत को एक आत्मनिर्भर देश और एक मजबूत महाशक्ति के रुप में उभरता हुआ देखता हूं।