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WB And FITCH: भारत की हालत पर सवाल खड़े कर रहे मोदी विरोधियों को वर्ल्ड बैंक और फिच का जवाब, जानिए क्या कहा

दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था यानी भारत के मामले में विपक्षी दल कांग्रेस समेत तमाम लोग अटकलें लगा रहे थे। अटकलें इसकी कि भारत में मंदी आ रही है और मोदी सरकार लोगों को बेरोजगार होने से बचाने और महंगाई को थामने के लिए कुछ नहीं कर रही।

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच बीते 9 महीने से जंग जारी है। इस जंग की वजह से दुनिया की आर्थिक हालत बहुत खराब है। खासकर अमेरिका और यूरोप के देशों में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। तमाम कंपनियां छंटनी कर रही हैं। इन सबके बीच दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था यानी भारत के मामले में विपक्षी दल कांग्रेस समेत तमाम लोग अटकलें लगा रहे थे। अटकलें इसकी कि भारत में मंदी आ रही है और मोदी सरकार लोगों को बेरोजगार होने से बचाने और महंगाई को थामने के लिए कुछ नहीं कर रही। इन आरोपों का जवाब मोदी सरकार ने तो नहीं दिया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने जरूर दे दिया है।

वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को दुनिया के सभी देशों के विकास की दर पर अपने अनुमान को जाहिर किया। वर्ल्ड बैंक ने इसमें भारत की स्थिति भी बताई। वर्ल्ड बैंक की तरफ से कहा गया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में भारत की जीडीपी 6.9 फीसदी की दर पर रहने की संभावना है। इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने इस साल भारत की जीडीपी 6.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था। वहीं, एक और नामचीन वित्तीय एजेंसी फिच FITCH ने भी भारत की जीडीपी के बारे में अपना अनुमान जताया है। फिच के मुताबिक भारत की जीडीपी की दर इस वित्तीय वर्ष में 7 फीसदी रहने की संभावना है। इन दोनों एजेंसियों के इस आकलन से मोदी सरकार पर निशाना साध रहे लोगों को करारा जवाब मिल गया होगा।

बता दें कि इससे पहले भी वर्ल्ड बैंक, मूडीज, फिच समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत की विकास दर यानी जीडीपी सबसे ज्यादा रहने की संभावना जताई थी। कोरोना के बाद भी भारत की वित्तीय स्थिति अच्छी रही थी। पिछले कुछ वक्त में महंगाई जरूर बढ़ी थी, लेकिन रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट को बढ़ाए जाने के बाद जरूरी चीजों की कीमतों में कुछ कमी आई है। आने वाले दिनों में एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाए जाने के आसार हैं। इससे बाजार में रुपए की तरलता कम होगी और महंगाई पर लगाम और कसी जा सकेगी।

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