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Right to Education: अब जयपुर में RTE के तहत 50 प्राइवेट स्कूलों में 8वीं तक मिलेगी निशुल्क शिक्षा

Right to Education: मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के अन्तर्गत पढ़ने वाले बच्चों की फीस संस्थान अपने स्तर पर जुटाकर संबंधित स्कूलों को देगा ताकि सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल सके।

नई दिल्ली। आरटीई (Right to Education) के तहत प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शिक्षा पाने से वंचित गरीब बच्चों और अन्य प्रतिभावान बच्चों को पढ़ने से कोई रोक नहीं सकेगा। जिन परिजनों के पास कोरोना काल में इन स्कूलों की महंगी फीस भरने के पैसे नहीं थे उन्हें अब इन स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए की चिंता नहीं करनी होगी। इनके लिए जयपुर (राजस्थान) में प्रारंभिक शिक्षण सेवा संस्थान टोंक ने एक इनोवेटिव शुरुआत की है। संस्थान ने इसके लिए निशुल्क शिक्षा दीप योजना की शुरुआत की है जिसके तहत इस इंस्टीट्यूट की तरफ से अब जिले के पूर्ण सुविधा संपन्न 50 प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को प्रारंभिक स्तर (कक्षा एक से आठ तक) की शिक्षा मुफ्त में दी जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के अन्तर्गत पढ़ने वाले बच्चों की फीस संस्थान अपने स्तर पर जुटाकर संबंधित स्कूलों को देगा ताकि सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल सके।

EDUCATION

इस योजना का लाभ पाने के लिए बच्चों का रजिस्ट्रेशन 1 फरवरी से 25 फरवरी तक कराना जरूरी होगा। यदि आवेदन इस निश्चित तिथि के बाद आते हैं तो संस्थान बच्चों का एक एंट्री टेस्ट लेगा और मेरिट के आधार पर ही बच्चों का स्कूल में दाखिला हो सकेगा। एक स्कूल में 300 से अधिक बच्चों को ही प्रवेश नहीं मिल सकेगा यानि जिले के कुल 15 हजार बच्चों को ही निशुल्क शिक्षा मिल सकेगी। शिक्षा के इस मिशन की शुरूआत गणतंत्र दिवस के मौके पर पीपलू ब्लॉक में डोडवाडी के एक प्राइवेट स्कूल में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते समारोह में की गई है। संस्थान के पदाधिकारियों ने दावा करते हुए कहा कि इतनी अधिक संख्या में बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने वाला उनका संगठन प्रदेश में पहला संगठन होगा।

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प्रारंभिक शिक्षण सेवा संस्थान के अध्यक्ष मुरलीधर शर्मा ने कहा कि इस योजना के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित होगी। इसके तहत जिले के चुने हुए स्कूल के स्टूडेंट्स को निशुल्क क्रीड़ा प्रतियोगिता, निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा सहित कई कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। साथ ही प्राइवेट स्कूलों के जैसी सभी सुविधाएं भी दी जाएंगी। शिक्षा दीप योजना के अध्यक्ष मुनीम मीना ने बताया कि इसमें पहले साल एक बार नाम मात्र का रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क पांच सौ से 1155 रुपये होगा। पांचवीं तक के बच्चे के 500 रूपए और छठवीं से आठवीं तक के बच्चों के लिए अधिकतम 1155 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क है।