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ब्लॉग के जरिए अपना गुस्सा निकालते नजर आए बिग बी, लिखा अपने प्रशंसकों से कह दिया ‘ठोक दो साले को’ तो क्या होगा?

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इन दिनों कोरोनावायरस के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। जिस समय अमिताभ बच्चन को प्यार, प्रार्थना और शुभकामनाओं की जरूरत है, ऐसे समय में सोशल मीडिया पर कुछ लोग हैं जोकि नफरत फैला रहे हैं।

नई दिल्ली। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इन दिनों कोरोनावायरस के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। जिस समय अमिताभ बच्चन को प्यार, प्रार्थना और शुभकामनाओं की जरूरत है, ऐसे समय में सोशल मीडिया पर कुछ लोग हैं जोकि नफरत फैला रहे हैं। ये यूजर्स अमिताभ के प्रति नफरत भरे मैसेज भेजकर बिग बी और उनके चाहने वालों को परेशान कर रहे हैं। अमिताभ 11 जुलाई से मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती हैं।

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अमिताभ बच्चन ने अपने नए ब्लॉग में उस ट्रोल को करारा जवाब दिया है, जिसने लिखा था कि काश आपकी कोरोनावायरस से मौत हो जाती। बिग-बी ने लिखा, ‘वे मुझे बताते हुए लिखते हैं… काश आपका कोरोना से निधन हो जाता।’

बच्चन ने ट्रोल को संबोधित करते हुए अपने नोट की शुरुआत की कि अगर एक्टर की मौत हो जाती है तो वह क्या खो देगा। उन्होंने लिखा, ‘हे मिस्टर अज्ञात.. आप अपने पिता का नाम भी नहीं लिखते हैं, .. क्योंकि आप नहीं जानते कि आपका पिता कौन है… केवल दो चीजें हैं, जो हो सकती हैं .. या तो मैं मर जाऊंगा या मैं जीवित रहूंगा .. अगर मैं मरता हूं तो तुम एक सेलिब्रिटी पर भड़ास निकालने और उन्हें कोसने का काम आगे नहीं कर पाओगे। आपके लिखे हुए को नोटिस करने वाला कोई नहीं होगा।’

इसके आगे अमिताभ बच्चन ने और करारा जवाब देते हुए लिखा, ‘अगर भगवान की दया से मैं जिंदा बच गया तो तुम केवल मेरा ही नहीं, बल्कि मेरे नौ करोड़ से ज्यदा फॉलोवर्स का गुस्सा झेलोगे। मुझे उन्हें अभी यह बताना है और अगर मैं बच गया तो बताऊंगा। मेरे फैन्स पूरी दुनिया में हैं। पश्चिम से लेकर पूर्व तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, हर जगह हैं। और मुझे केवल ये कहना है- ‘ठोक दो साले को।’

फिर अमिताभ बच्चन ने गुस्से में हिंदी भाषा में भी कुछ ऐसा लिख डाला, लगा मानो कोई शाप दे रहे हों- ‘मारीच, अहिरावन, महिषासुर, असुर, उपनाम हो तुम; हमारा यज्ञ प्रारम्भ होते ही, तुम राक्षसों की तरह तड़पोगे, जान लो इतना की अब तुम ही केवल समाज की आवाज ना हो; चरित्र हीन, अविश्वासी, श्रद्धा हीन, लीचड़ तुम हो; जलो गलो पिघलो, बेशर्म, बेहया, निर्लज्ज, समाज कलंकी।’

जाते-जाते हुए उन्होंने ये भी लिख दिया- May you burn in your own stew!!