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Agriculture Bill: कृषि बिल पर एक प्रगतिशील किसान ने की सीएम योगी से मुलाकात, फिर करने लगे बिल का समर्थन

Agriculture Bill: कृषि बिल को लेकर एक तरफ तो विरोध प्रदर्शन जारी है वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस बिल को लेकर किसान संगठनों से और उनके नेताओं से मिलकर इस बिल के फायदे के बारे में अवगत करा रहे हैं साथ ही इस बात को लेकर भी आश्वस्त कर रहे हैं कि किसानों के साथ हमेशा नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार खड़ी है।

नई दिल्ली। कृषि बिल को लेकर एक तरफ तो विरोध प्रदर्शन जारी है वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बिल को लेकर किसान संगठनों से और उनके नेताओं से मिलकर इस बिल के फायदे के बारे में अवगत करा रहे हैं साथ ही इस बात को लेकर भी आश्वस्त करा रहे हैं कि किसानों के साथ हमेशा नरेंद्र मोदी सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार खड़ी है। उनके लिस्ट में सर्वोपरि किसान हैं और सरकार किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए हर वह काम करेगी जिसकी उम्मीद किसान भाई सरकार से रखते हैं। इसी क्रम में आज बाराबंकी के प्रगतिशील किसान पद्मश्री रामशरण वर्मा से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह मुलाकात की। मुलाकात के बाद एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए किसान रामशरण वर्मा ने कृषि बिल का समर्थन किया।

CM Yogi Adityanath

इस मुलाकात के बारे में किसान रामशरण वर्मा ने बताया कि नहीं हम एक केला का घार लेकर आते थे। हम केला की खेती पिछले 32 साल से कर रहे हैं और हमने प्रदेश में करीब एक लाख हेक्टेयर में टिशू कल्चर केला की खेती फैलायी है। आज यह करीब पचास हजार से ज्यादा हमारे किसान उत्तर प्रदेश में फाॅलोअर हैं। तो हमने मुख्यमंत्री से मिलने का अनुरोध किया ? केले की कैसी क्वालिटी आती है वह हम दिखाने के लिए  यहां आये थे। मुख्यमंत्री ने मेंथा की खेती के बारे में मुझसे जाना। केले की खेती के बारे में जाना। टिशू कल्चर कैसे पैदा होता है उसके बारे में जाना। उन्होंने यह भी जाना कि आप कौन-कौन सी खेती करते हैं? हमने बताया हमनें एक आलू की नई टेक्नालाॅजी इजाद की है। उसके बारे में हमने बताया और हमने यह भी बताया कि एक हेक्टेयर में जो केले की खेती है वह किसान बारह सौ पौधे लगा करके बारह महीने से चौदह महीने में करीब दो लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमा सकता है। इस साल करीब तीन लाख रुपये के आसपास का शुद्ध लाभ किसान को एक एकड़ से होने वाला है। अभी उन्होंने एक बात और पूछा कि जो केले का कितना उत्पादन एक हेक्टेयर में हो रहा है। तो मैंने उनसे बताया कि सात सौ से आठ सौ क्विंटल एक हेक्टेयर में केले का उत्पादन होता है जिसका मूल्य है करीब दस लाख रुपए। उसमें खर्च आयेगा करीब तीन लाख रुपए। छः से सात लाख रुपए हमारे प्रदेश के किसानों को लाभ हो रहा है। दूसरी बात हमने यह बताया कि प्रदेश में केले की खेती का विस्तार किया जा सकता है और इसकी मार्केट हमारे उत्तर प्रदेश में है। आज हम जो पैदा करते हैं। केला वह केवल बीस प्रतिशत पैदा करते हैं। अस्सी प्रतिशत केला हमारा महाराष्ट्र से आता है तो हम इसे अपने घर में पैदा करें। घर में बाजार मिले तो हमारा किसान और हमारा उत्तर प्रदेश बहुत समृद्ध होगा और बहुत विकास करेगा। यह सब बातें हुई हैं अभी।

CM yogi Namsate

आगे रामशरण वर्मा ने बताया कि इसके बाद मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया है कि बहुत अच्छा है। हमने यह भी बताया कि हमारी खेती चलकर देखिए। तो एक बार उन्होंने कहा कि जब कोरोना समाप्त होगा तो हम जरूर आयेंगे, देखेंगे और आपने बहुत बढ़िया काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि एक किसान का इस तरह से मुख्यमंत्री से मुलाकात करना सच में रोमांचित करनेवाला क्षण था।

CM Yogi Adityanath

रामशरण वर्मा ने कृषि बिल के बारे में कहा कि यह जो बिल आया है, यह भारत के किसानों के लिए बहुत अच्छा है। खासतौर पर जो हमारे किसान हैं। अभी बंदिश में बंधे थे कि अपना माल बेच नहीं सकते थे। तो आज यह हुआ है कि कोई भी किसान चाहे वह बाराबंकी में बेचे या बनारस में बेचे या बंगलौर में बेचे या दिल्ली ले जाये या कोलकाता ले जाए तो हम जो यहां से वहां पर बिक्री के लिए ले जायेंगे। कोई मंडी शुल्क नहीं। कोई बीच में रूकावट नहीं। कोई कुछ नहीं तो किसान के लिए बहुत ही उपयोगी है। मतलब आप समझिये कि किसान को सरकार ने बिचौलिये से मुक्त कर दिया और इसका फायदा किसान को मिलेगा। जो बिचौलियों को रकम जाती थी अब उसका फायदा किसान को मिलेगा और दूसरा हमारे ग्राहकों को भी सस्ता मिलेगा। जैसे आलू हमारे खेत से पन्द्रह रुपए किलो बिका। तो हमारे खाने वालों को मिलता है तीस रुपए किलो में तो बीच का जो मार्जिन है, वह बिचौलियों के हाथ जाता है। यह तो हमारा जो हमको मिलेगा सत्रह रुपए और जो खाने वालों को मिलेगा बीस से बाईस रुपए करीब। यह इसमें होने वाला है। जो हमारे किसान भाई हैं यह अभी तक यह बंदिश में बंधे थे। यह बिजनेस थोड़े से लोगों के हाथ में था। अगर कोई किसान व्यापार कर सकता है। अपना माल ले जाकर-के वह दिल्ली के बाजार में, चंडीगढ़ मार्केंट में या हरियाणा मार्केंट में बेच सकता है तो यह कितना बढ़िया काम हमारे किसान भाईयों के लिए हुआ है। इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता।
इसका एक उदाहरण हम बताना चाहेंगे कि हम जो केला बेचते थे। हमारे क्षेत्र से हमारे आसपास के क्षेत्र से, करीब तीस से पैतीस लाख रुपए मंडी शुल्क हमारे बाराबंकी से जाता था। केला, टमाटर, आलू और हमारे आसपास के जिलों से अब वह पिछले साल मुख्यमंत्री योगी ने समाप्त कर दिया। ये कितनी अच्छी बात है। अब दूसरी बात है। अब आप कहीं भी जाकर के अपना उत्पाद बेचें। तो हम तो भई सरकार को बधाई देना चाहेंगे कि किसानों की जो बंदिशे थी, वह खत्म हो गयी।

Yogi Adityanath

रामशरण वर्मा ने आगे कहा कि यह बिल पूरा-पूरा किसान के हित में हैं। किसान का अहित कहां है ? हम अभी तक बंदिश में थे। आज हमारा खुला व्यापार होगा। हम कहीं भी ले जाकर बेंचे। तो इससे अच्छा क्या हो सकता है ? और मंडी भी नहीं बंद हुयी। ये मंडी भी बढ़ियां लगेगी तो हम मंडी में लेकर जायेंगे। यदि मंडियों में व्यापारियों ने अच्छा काम किया। आढ़तियों ने अच्छा काम किया, तो किसान भी वहां जायेगा। अभी केवल कुछ लोगों के हाथ में जो बिचौलिये थे उनके हाथ में व्यापार था। अब पूरे किसान के हाथ में चला गया। इससे बढ़िया किसान के लिए और कुछ नहीं हो सकता है।

CM Yogi Adityanath
रामशरण वर्नमा ने कहा कि इस बिल पर जो तो उन्हें बताना चाहिए कि इसमें दिक्कत क्या है ? हमको ये बताइये। जैसे एमएसपी वाला एमएसपी कहां सरकार ने खत्म किया है। न एमएसपी खत्म किया है न मंडी खत्म किया है। बल्कि आपको सहूलियतें दी गयी हैं। किसान के लिए सहूलियतें मिली। हमारा केला दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जाता था। लेकिन तब हमको मंडी शुल्क लगता था। बीच में बैरियर लगते थे। अब बढ़िया आराम से जा रहा है। अब उसके लिए कानून बन गया। तो इसमें दिक्कत क्या है। हमें यह समझ में नहीं आ रहा है। मंडी में भी अपना माल भेज सकते हैं न।