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कांग्रेस में फूटा ‘चिट्ठी बम’ : आनंद शर्मा पर अहमद पटेल ने बोला हमला, कही ये बात

जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी। कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी।

नई दिल्ली। 135 साल पुरानी पार्टी कांग्रेस में अब असंतोष का भाव साफ देखा जा सकता है। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व को लेकर लिखी गई चिट्ठी अब बम की तरह फूट रही है। पार्टी में आलाकमान के वफादारों और बागियों के बीच तकरार साफ देखी जा रही है। सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी चिट्ठी को लेकर काफी सख्त देवर देखने को मिले।

Congress President Sonia Gandhi (C), party leaders A.K Anthony and Manmohan Singh, during the Congress Working Committee (CWC) meeting
फाइल फोटो

आपको बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आरोप लगाया और खेद व्यक्त किया कि आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में शामिल थे। कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले 4-5 महीने में होगें।

वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए। इससे पहले बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जबकि एके एंटनी ने पत्र को क्रूर कहा।

Anand Sharma Ahmad Patel Azad

कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले 4-5 महीने में होगें. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए। इससे पहले बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जबकि एके एंटनी ने पत्र को क्रूर कहा।

cwc 5

जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी। कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था। इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे।