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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ओवैसी को हुआ दर्द, तो सपा नेता ने शैतान बताते हुए लिया हिंदुओं का पक्ष

ओवैसी ने फिर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला दिया और ये उम्मीद जताई कि 19 मई को अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला जरूर लेगा। वहीं, ओवैसी के इस बयान के खिलाफ समाजवादी पार्टी यानी सपा के नेता तारिक अहमद लारी का बयान आ गया।

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को रुकवाने के लिए हाय-तौबा मचा रहे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को बीते कल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दर्द होने लगा है। औवैसी ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वहां निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ओवैसी ने फिर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला दिया और ये उम्मीद जताई कि 19 मई को अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला जरूर लेगा। वहीं, ओवैसी के इस बयान के खिलाफ समाजवादी पार्टी यानी सपा के नेता तारिक अहमद लारी का बयान आ गया। लारी ने ओवैसी को शैतान बताते हुए कहा कि अगर वहां शिवलिंग है, तो नमाज नहीं होनी चाहिए। लारी के मुताबिक ऐसे हालात में नमाज मंजूर नहीं होती।

Gyanvapi Row...

सपा नेता ने कहा कि ये उनकी निजी राय है। अगर मस्जिद में मूर्तियां मौजूद हैं और इनकी नक्काशियां और शिवलिंग भी है, तो अभी इसी वक्त वो मंदिर को सौंप देना चाहिए। क्योंकि वहां नमाज जायज नहीं है। लारी ने कहा कि अगर ये मंदिर है, तो मस्जिद के लिए जमीन लेना भी ठीक नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि पहले कोर्ट का फैसला आने दीजिए। मैं तो कहूंगा कि मस्जिद के लिए जमीन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अगर वो मंदिर है और मंदिर का ही हिस्सा है, तो आपके पास क्यों है और मंदिरों के बीच में बैठकर आप नमाज क्यों पढ़ रहे हैं?

Varanasi Gyanvapi Case

दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश वाराणसी की स्थानीय अदालत ने दिया था। ओवैसी और अन्य मुस्लिम नेता इसे प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं, सर्वे में शिवलिंग जैसी चीज मिलने के बाद इसे फव्वारा भी कह रहे हैं। सर्वे के खिलाफ मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने स्थानीय अदालत की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई। साथ ही शिवलिंग की सुरक्षा का आदेश दिया और मुसलमानों को नमाज पढ़ने के लिए जाने की भी छूट दे दी है। इसके बाद ही ओवैसी ने दर्द जताया था, लेकिन तारिक अहमद लारी ने उन्हें ही लपेटे में ले लिया।