नई दिल्ली। एलजेपी के अध्यक्ष पद से हटाए गए चिराग पासवान को अपने पिता से जुड़ी एक याद भुलानी होगी। दरअसल, मोदी सरकार के नगर विकास विभाग ने चिराग के पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान के 12 जनपथ वाले बंगले को केंद्र के कद्दावर आईटी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को देने का फैसला किया है। इसी तरह एक जमाने में कद्दावर रहे शरद यादव का बंगला रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को दिया गया है।
रामविलास पासवान जब तक जीवित थे, 12 जनपथ के बंगले में ही रहे। यह बंगला सोनिया गांधी के बंगले 10 जनपथ से सटा हुआ है। पिछले दिनों चिराग को नगर विकास विभाग ने बंगला खाली करने का नोटिस भेजा था। तब चिराग ने कहा था कि 8 अक्टूबर को उनके पिता की पहली बरसी है और उस वक्त तक वह 12 जनपथ के ही बंगले में रहना चाहते हैं। हालांकि, अब अश्विनी वैष्णव को 12 जनपथ अलॉट होने के कारण चिराग की ये इच्छा पूरी होती नहीं दिख रही है।
उधर, चिराग को एलजेपी अध्यक्ष पद से हटाने वाले उनके चाचा पशुपति पारस केंद्र में मंत्री भी बन गए। सूत्रों के मुताबिक पहले पशुपति को रामविलास पासवान वाला बंगला दिया जा रहा था, लेकिन उन्होंने ये बंगला लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद अब पशुपति पारस को शरद यादव का तुगलक रोड स्थित 7 नंबर बंगला अलॉट किया गया है। बता दें कि इसी साल जून में पशुपति पारस ने एलजेपी के 4 और सांसदों के साथ मिलकर चिराग पासवान को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया था।
चिराग पासवान उस वक्त पशुपति पारस से मिलने भी गए थे, लेकिन चाचा और भतीजे की मुलाकात नहीं हो सकी थी। जिसके बाद से चिराग बिहार में आशीर्वाद यात्रा कर रहे हैं और हर जगह जाकर बता रहे हैं कि उनके चाचा पशुपति ने किस तरह उन्हें धोखा दिया। फिलहाल चिराग को सांसद के तौर पर अलग से सरकारी आवास मिला हुआ है। जिसमें वह अपनी मां रीना के साथ रह सकते हैं।