नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर अहम बयान दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रविवार (6 अगस्त) को मनोज सिन्हा ने कहा कि मतदाता सूची के परिसीमन और पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय पूरी तरह से चुनाव आयोग पर निर्भर करता है।
एलजी मनोज सिन्हा के बयान के बाद यह उम्मीद बढ़ गई है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश में कई सक्रिय राजनीतिक दल पिछले कुछ समय से लगातार चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कथित तौर पर आगामी चुनावों को लेकर आशंकित महसूस कर रही है, जैसा कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है। वह चुनावों के प्रति भाजपा और केंद्र सरकार के दृष्टिकोण के बारे में अपनी चिंताओं के बारे में मुखर रहे हैं। 26 जुलाई को उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर आरोप लगाया, “यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने से बहुत डर रही है।”
परिसीमन और मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम पूरा होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है। हालाँकि, चुनाव कराने का अंतिम निर्णय चुनाव आयोग के हाथों में है, जो इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भूमिका के महत्व पर जोर देता है।