नई दिल्ली। आजम खान…आज कल सलाखों के पीछे हैं…हो भी क्यों न…साहब के खिलाफ एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 100 से अधिक मुकदमे जो दर्ज हैं….सीतापुर में पिछले दो सालों से जेल की हवा खा रहे हैं…एक मर्तबा उनसे मुखातिब होने सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पहुंचे थे…अभी बीते दिनों में पहले ही आजम के मीडिया सलाहकार ने कहा था कि अखिलेश यादव खुद नहीं चाहते हैं कि आजम बाहर आए। ध्यान रहे कि इस तरह का इससे पहले सीएम योगी ने भी दिया था जिसका जिक्र कर फसाहत खान ने उक्त बयान दिया है। फसाहत खान किसी भी मसले पर कोई भी बयान आजम की मंजूरी के बिना नहीं देते हैं। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उन्होंने यह बयान आजम की मंजूरी के बिना नहीं दिया है। अब इसी बीच आजम को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। आइए, आगे जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।
जानिए पूरा माजरा
तो माजरा यह है कि रामपुर एमपी/एमएलए जेल में सुनवाई के दौरान एक मुख्य गवाह ने कोर्ट के समक्ष आकर खुद स्वीकार किया कि आजम खान के निर्देशों का पालन करते हुए ही उनके मकान को ध्वस्त किया गया था और उनके पशुओं की चोरी की गई थी। उस गवाह ने कहा कि अगर इस शख्स ने निर्देश न दिया होता तो आज यह स्थिति ही पैदा न हुई होती। लेकिन इस शख्स ने प्रतिशोध की भावना के फलस्वरूप यह सब किया था। बता दें कि वर्तमान में आजम के खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं और वर्तमान में वे सीतापुर की जेल में हैं।
रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में आजम के खिलाफ सुनवाई का सिलसिला जारी है। वहीं, उधर सरकारी वकील ने न्यायधीश के समक्ष कहा कि गवाह ने यह बात स्वीकार करते हुए कहा था कि गवाह ने आजम को पहचान लिया है। और इस बात को स्वीकार कर लिया है कि आखिर इन सबके पीछे मुख्य किरदार कौन था। सरकारी वकील ने कहा कि गवाह के बयान से साफ जाहिर होता है कि आजम खान उस शख्स की जमीन को खाली कराकर स्कूल बनाने की योजना था। खैर, यह पूरा मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में अब आगे चलकर इस प्रकरण में क्या कुछ स्थिति देखने को मिलती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।