
नई दिल्ली। कर्नाटक में कल विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है। इससे पहले हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने पूरे देश में हनुमान चालीसा पाठ करने का एलान किया है। आज दोनों संगठनों के कार्यकर्ता देशभर के मंदिरों और अन्य जगह हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसकी वजह कर्नाटक में कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र है। इस घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था कि वो सत्ता में आई, तो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और बजरंग दल जैसे नफरत फैलाने वाले संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करेगी और बैन लगाएगी। कांग्रेस का ये चुनावी वादा बैकफायर कर गया है। अब कर्नाटक में वोटिंग से एक दिन पहले बजरंग दल और वीएचपी इसे मुद्दा बनाने जा रहे हैं।
वीएचपी के महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि कांग्रेस और अन्य ऐसे संगठनों को सदबुद्धि देने के लिए हमने हनुमान चालीसा पाठ का फैसला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस आतंकियों और देशविरोधी ताकतों की वकालत और प्रचार करती है। परांडे ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने का अपमानजनक वादा किया। इसके बाद महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस और कुछ हिंदू विरोधी नेताओं ने बजरंग दल पर बैन की मांग की। वीएचपी महासचिव ने कहा कि बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी और देशभक्त संगठन की तुलना राष्ट्रविरोधी, आतंकी और हिंसक संगठन पीएफआई से की गई। हिंदू समाज इस अपमान के लिए लोकतांत्रिक सबक सिखाएगा।
बजरंग दल पर बैन के कांग्रेस के वादे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं ने इसे बजरंगबली के अपमान से जोड़ा था। मोदी ने अपनी जनसभा में लोगों से बजरंगबली की जय के नारे लगवाए थे। उन्होंने कर्नाटक में लोगों से अपील की थी कि वे वोट देते वक्त बजरंगबली का नाम जरूर लें। इस मामले में घिरने के बाद कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली ने कहा था कि कर्नाटक सरकार तो बैन लगा ही नहीं सकती। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता पी. चिदंबरम ने कहा था कि पार्टी के घोषणापत्र में बजरंग दल पर बैन की बात है ही नहीं। जबकि, पहले सामने आया था कि घोषणापत्र के पेज नंबर 10 पर बैन लगाने की बात लिखी है।