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Varanasi: वाराणसी में नई साजिश, BHU की दीवारों पर लिखे ब्राह्मण विरोधी और कश्मीर को लेकर विवादित नारे

Varanasi: उधर, वीडियो सामने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दीवारों पर लिखे विवादित नारों को मिटा दिया गया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिसबल मौजूद रही, ताकि बीएचयू में किसी भी तरह का बवाल ना हो सके। वहीं, बताया जा रहा है कि ये विवादित नारे भगत सिंह छात्र मोर्चा द्वारा लिखा गया है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। एक तरफ जहां बुधवार को इफ्तार पार्टी के आयोजन पर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, विश्वविद्यालय में बीएचयू प्रशासन के इफ्तार पार्टी के आयोजन को लेकर छात्रों में आक्रोश है। इतना ही नहीं छात्रों ने कुलपति के घर के बाहर नारेबाजी करते हुए उनका पुतला भी फूंका। वहीं दूसरी ओर अब परिसर की दीवारों पर विवादित नारे लिखे जाने को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है।हैरान करने वाली बात ये है कि इन विवादित नारे को देखकर ऐसा लगता है कि किसी विशेष जाति समुदाय को टारगेट कर लिखा गया है। जिसका वीडियो भी सामने आया है। वहीं दीवारों में लिखे भड़काऊ नारे को लेकर अब छात्रों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।

BHU

उधर, वीडियो सामने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दीवारों पर लिखे विवादित नारों को मिटा दिया गया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिसबल मौजूद रही, ताकि बीएचयू में किसी भी तरह का बवाल ना हो सके। वहीं, बताया जा रहा है कि ये विवादित नारे भगत सिंह छात्र मोर्चा द्वारा लिखा गया है। पुलिस भड़काऊ नारे लिखने वाले की तफ्तीश में जुट गई है। साथ ही भड़काऊ नारे लिखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है।

आइए, आपको बता दें कि विश्वविद्यालय परिसर के अंदर दीवारों पर क्या कुछ लिखा गया है। इन विवादित नारों में एक विशेष समुदाय और कश्मीर मसले पर विवादित स्लोगन लिखे गए हैं। वहीं बीएचयू परिसर में इस तरह के विवादित नारों को लेकर लगता है कि उत्तर प्रदेश में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। वैसे आपको याद दिला दे कि एक जमाने में मायावती की बसपा ने नारा दिया था कि तिलक, तराजू, और तलवार, इनको मारो जूते चार। लेकिन फिर साल 2007 में ब्राह्मणों को ही साथ लेना पड़ा और तब यूपी में फिर मायावती सरकार बना सकी थीं।

अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या बीएचयू परिसर में विवादित नारे लिखने वाले वो अराजक तत्व तो नहीं, जो दलितों और पिछड़ों के भाजपा के साथ जाने से परेशान हैं? क्योंकि यूपी चुनाव में इस बार भी योगी सरकार ने जीत का परचम लहराया था जो विपक्षों दलों को कतई रास नहीं आ रहा है।