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Gujarat: गुजरात चुनाव से पहले BJP ने चला बड़ा दांव, UCC को लेकर लिया ऐसा फैसला, भड़के ओवैसी

Gujarat: सियासी पंडितों का कहना है कि बीजेपी समान नागरिक आचार संहिता को लागू करके अपने वोटरों को लुभाना चाहती है। हालांकि, गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है, जिसे लेकर विपक्षी दल भड़के हुए भी हैं, लेकिन मीडिया में आई खबरों की माने तो आगामी 1 या 2 नवंबर को चुनावी तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।

नई दिल्ली। ना ही चुनावी तारीखों का ऐलान हुआ है और ना ही नेताओं की सक्रियता अभी चरम पर है और ना ही जनता ने वोट डाला है, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह का दांव मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चला है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि बीजेपी ने चुनाव की आधी जंग जीत ली है और दूसरे विपक्षी दलों के समक्ष मुश्किलों का पहाड़ खड़ा कर दिया है, जिसे पार कर पाना बीजेपी विरोधियों के लिए आसाना नहीं होगा। आइए, जानते हैं पूरा माजरा।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल.

जानें पूरा माजरा

दरअसल, गुजरात सरकार ने शनिवार को कैबिनेट बैठक में समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराने की दिशा में समिति गठित करने के लिए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश शामिल होंगे। उक्त समिति की अध्यक्षता हाईकोर्ट के जज करेंगे। ध्यान रहे कि गुजरात सरकार ने पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। लेकिन, जिस तरह चुनाव से ऐन वक्त पहले समान आचार संहिता को लेकर फैसला किया गया है, उसके बाद अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। बता दें कि सीएम भूपेंद्र पटेल ने भी इस संदर्भ में ट्वीट कर कहा कि, राज्य में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता की जांच करने और इस कोड के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट / हाई कोर्ट न्यायाधीश हाई कोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

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क्या कहते हैं सियासी पंडित

उधर, सियासी पंडितों का कहना है कि बीजेपी समान नागरिक आचार संहिता को लागू करके अपने वोटरों को लुभाना चाहती है। हालांकि, गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है, जिसे लेकर विपक्षी दल भड़के हुए भी हैं, लेकिन मीडिया में आई खबरों की माने तो आगामी 1 या 2 नवंबर को चुनावी तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। ध्यान रहे कि गुजरात से पहले उत्तराखंड सरकार ने भी समान नागरिक आचार संहिता लागू की गई थी। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव से पहले ही ऐलान कर दिया था कि अगर वे चुनाव जीतने में सफल रहते हैं, तो प्रदेश में समान नागरिक आचार संहिता को लागू करेंगे। अपने इस ऐलान को उन्होंने अमलीजामा भी पहनाया।

क्या है समान नागरिक आचार संहिता

समान नागरिक आचार संहिता एक ऐसी संहिता जिसके लागू होने के बाद सभी नागरिकों के लिए एक ही समान नियम रहेंगे, जिसे वो मानने के लिए बाध्य रहेंगे। चाहे वो सामाजिक निमय हो या धार्मिक। वो सभी नागरिकों के लिए समान ही रहेंगे। मौजूदा वक्त में सभी धार्मिक कायदों को ऊपर रखते हुए देश के संविधान द्वारा निर्धारित किए गए नियमों को भी बौना साबित कर देते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराने की मांग जोर पकड़ रही है।

Owaisi

भड़के ओवैसी

उधर, गुजरात सरकार द्वारा समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराने की दिशा में समिति गठित करने के बाद असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं। उन्होंने समिति गठित करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आप इस तरह चुनाव से ठीक पहले समान नागरिक आचार संहिता को लागू करने के लिए समिति गठित नहीं कर सकते हैं।