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UP: आजम खान को तगड़ा झटका, विधायकी के बाद छीना मतदान का अधिकार, जानिए आखिर क्यों नहीं कर पाएंगे वोट

UP: रामपुर सदर सीट के उपचुनाव में आजम खान मतदान न कर पाएं इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। अपने पत्र में आकाश सक्सेना ने पत्र लिख मांग की थी कि आजम खान का वोट देने का अधिकार छीन लिया जाए, जिसके तहत ही अब आजम खान से ये अधिकार वापस ले लिया गया है।

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एक के बाद एक झटका लग रहा है। पहले से ही जेल की हवा खा रहे आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। वहीं, अब आजम खान से मतदान का अधिकार भी छीन लिया गया है। बता दें, रामपुर सदर सीट के उपचुनाव में आजम खान मतदान न कर पाएं इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। अपने पत्र में आकाश सक्सेना ने पत्र लिख मांग की थी कि आजम खान का वोट देने का अधिकार छीन लिया जाए, जिसके तहत ही अब आजम खान से ये अधिकार वापस ले लिया गया है।

azam khan..

किस मामले में फंसे है आजम खान

सपा के पूर्व विधायक आजम खान पर साल 2019 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ बयान देना का आरोप है। इस मामले में आजम खान के खिलाफ रामपुर में मामला दर्ज किया गया था। बीते महीने कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान आजम खान को झटका देते हुए दोषी करार दिया। अब इस मामले में आजम खान को तीन साल जेल में रहना होगा साथ ही 2 हजार रुपए का जुर्माना भी उन पर लगाया गया है। बता दें, आजम खान को IPC की धारा 153A (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (1) (सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने वाला बयान देना) और लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125 के तहत दोषी पाया है।

azam khan.

इस वजह से छीना वोट देने का अधिकार?

हेट स्पीच मामले में दोषी पाए जाने के बाद आजम खान से वोट का अधिकार क्यों छीना इसकी वजह ये है कि कानूनन अगर कोई विधायक या सांसद या विधान परिषद का सदस्य किसी केस में आरोपी करार होता है तो उसकी सदस्यता रद्द होती है साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लग जाता है। इसी कारण आजम खान की विधायकी छीनी। वहीं, लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत अगर कोई भ्रष्टाचार या अपराध से जुड़ा पाया जाता है तो उसके मतदान करने के अधिकार को वापस ले लिया जाता है। धारा 16 (2) में ये भी प्रावधान है कि अगर किसी सांसद या विधायक की सदस्यता रद्द कर दी जाती है तो भी तो वोटर लिस्ट से उसका नाम वापस लिया जा सकता है। अब इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान अपने मत का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।