newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Big Blow To Uddhav: उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग से बड़ा झटका, शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘तीर और धनुष’ का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे

दोनों गुटों को कल यानी सोमवार दोपहर तक 3-3 चुनाव चिन्ह आयोग में देने होंगे। इन्हीं में से आयोग तय करेगा कि किसे क्या चुनाव चिन्ह दिया जाए। आयोग के 8 अक्टूबर के आदेश में उद्धव और शिंदे गुट को ये छूट जरूर दी गई है कि वे अपने नाम के साथ ‘सेना’ शब्द का उपयोग कर सकते हैं। इस आदेश से शिंदे गुट को एक बार फिर खुश होने का मौका जरूर मिल गया है।

नई दिल्ली। मुंबई की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। उद्धव अगर इस सीट पर उम्मीदवार उतारते हैं, तो वो शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘तीर और धनुष’ का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट को इस चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। हालांकि, इससे शिंदे गुट को एक बार फिर खुश होने का मौका जरूर मिल गया है। दोनों गुटों को कल यानी सोमवार दोपहर तक 3-3 चुनाव चिन्ह आयोग में देने होंगे। इन्हीं में से आयोग तय करेगा कि किसे क्या चुनाव चिन्ह दिया जाए। आयोग के 8 अक्टूबर के आदेश में उद्धव और शिंदे गुट को ये छूट जरूर दी गई है कि वे अपने नाम के साथ ‘सेना’ शब्द का उपयोग कर सकते हैं।

election commission

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि तीर और धनुष चुनाव चिन्ह शिवसेना का है। जो महाराष्ट्र में मान्यता प्राप्त पार्टी है। शिवसेना के संविधान के मुताबिक पार्टी का प्रमुख और राष्ट्रीय कार्यकारिणी है। 25 जून 2022 को उद्धव ठाकरे की तरफ से अनिल देसाई ने सूचना दी कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों ने पार्टी विरोधी गतिविधि की। उन्होंने शिवसेना और बालासाहेब के नाम का उपयोग करने पर आपत्ति जताई। इसके बाद 1 जुलाई को 3 ईमेल किया। जिसमें बताया कि 4 सदस्यों ने पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है। इनमें एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, तांजी सावंत और उदय सामंत थे। साथ ही दावा किया कि उद्धव ठाकरे शिवसेना प्रमुख हैं। एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा किया। कोर्ट ने ये मामला चुनाव आयोग पर छोड़ा है। इसलिए फिलहाल हम दोनों पक्षों पर शिवसेना के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने पर रोक लगाते हैं।

Eknath and Devendra

बता दें कि एकनाथ शिंदे ने इस साल जून में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था। शिवसेना के 55 में से 40 से ज्यादा विधायक भी शिंदे के साथ चले गए थे। शिवसेना के 18 में से 12 सांसद भी एकनाथ के पक्ष में हैं। इसके बाद उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिससे महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। इस सरकार में शिंदे सीएम और देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं।