नई दिल्ली। एक हालिया बयान में गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जाति-आधारित जनगणना के विचार का विरोध नहीं करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि पार्टी इस तरह की पहल का विरोध नहीं करती है, लेकिन इसके संबंध में निर्णय उचित परिश्रम और सोच-समझकर लिया जाना चाहिए। अमित शाह की टिप्पणी कांग्रेस पार्टी के आरोपों की पृष्ठभूमि में आई है कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार देश में जाति विभाजन को बढ़ावा देकर अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के साधन के रूप में जाति आधारित जनगणना को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित राजनीतिक नेताओं द्वारा जाति-आधारित जनगणना पर सरकार के रुख पर स्पष्टता की मांग करने से विवाद गर्म हो गया है।
आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव और जाति जनगणना
2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जाति आधारित जनगणना का मुद्दा भारतीय राजनीति में केंद्र में आ गया है। अमित शाह ने राज्य के लिए भाजपा का चुनाव घोषणापत्र जारी करने की घोषणा की और संवाददाताओं को बताया कि पार्टी विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श के बाद इस मामले पर “उचित” निर्णय लेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे निर्णयों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता होती है और इसमें जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए।
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: On caste-based census, Union Home Minister Amit Shah says, “…We don’t do politics of vote. We will take an appropriate decision after having discussions…BJP never opposed it but decisions have to be taken after proper thought.” pic.twitter.com/0oK7GqB7FB
— ANI (@ANI) November 3, 2023
भाजपा द्वारा एक सतर्क दृष्टिकोण
अमित शाह ने आगे कहा, “हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं, और हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करते हैं,” यह दर्शाता है कि भाजपा चुनावी लाभ के लिए जाति के आधार पर पहचान की राजनीति में शामिल नहीं होती है। गृह मंत्री की टिप्पणियाँ जाति-आधारित जनगणना को सावधानी से करने की भाजपा की मंशा को रेखांकित करती हैं।
कांग्रेस पार्टी की मांगें और कर्नाटक की मिसाल
मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने पहले ही जाति-आधारित डेटा संग्रह की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि कांग्रेस 7 नवंबर, 2023 को शुरू होने वाले आगामी दो चरण के चुनावों में सत्ता बरकरार रखने में सफल रहती है, तो इसी तरह की कवायद छत्तीसगढ़ में भी की जाएगी।